मुंबई : सरकार ने इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए गन्ने के जूस और सिरप के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. यह फैसला चीनी कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका है. सरकार की ओर से इस बारे में गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. शुगर की सप्लाई को देखते हुए यह फैसला लिया है. खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने सभी चीनी मिलों और डिस्ट्रिलरीज को तत्काल रोक के निर्देश दे दिए हैं. इस फैसले के बाद शुगर स्टॉक्स में तेज गिरावट देखने को मिली.
सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, ESY 2023-24 में Sugarcane Juice और सिरप से अब इथेनॉल नहीं बनेगा. हालांकि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से मिले मौजूदा ऑर्डर की सप्लाई के लिए B मोलासेस से प्रोडक्शन जारी रहेगा. सरकार का यह फैसला चीनी कंपनियों के लिए बड़ा झटका है क्योंकि चीनी कंपनियों की 80 फीसदी कमाई इथेनॉल से आती है. बता दें, बी-हैवी शीरे से एथेनॉल बनाकर पेट्रोल में मिलाया जाता है. बी-हैवी बनाने से गन्ने का इस्तेमाल एनर्जी के एक स्रोत के रूप में होता है और इससे चीनी का प्रोडक्शन भी कम होता है.
प्रोडक्शन 8% आ सकती है गिरावट
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) का कहना है, 2023-24 मार्केटिंग साल में प्रोडक्शन 8 फीसदी घट सकता है. ब्राजील में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद से रॉ शुगर की कीमतें 7 फीसदी घटी है. 31 अक्टूबर 2024 तक इथेनॉल के लिए 339 करोड़ के आर्डर मिले. 4 दिसंबर को इथेनॉल सप्लाई करने के लिए OMCs से 572 करोड़ रुपये का आर्डर मिले. जानकारी के मुताबिक, सरकार चीनी कंपनियों की बजाय ग्रेन या अन्य कंपनियों से इथेनॉल सोर्स कर सकती है.
मौजूदा इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर
केंद्र ने सोमवार को राज्यसभा को बताया कि भारत में वर्तमान इथेनॉल उत्पादन क्षमता 1,364 करोड़ लीटर है और फ्यूल ब्लेंडिंग टारगेट को पूरा करने के लिए पर्याप्त है. एथेनॉल रोडमैप के अनुरूप, ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एथेनॉल सप्लाई साल 2021-22 के दौरान 10 फीसदी और एथेनॉल सप्लाई साल 2022-23 के दौरान 12 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल किया है.
शुगर स्टॉक्स में भारी गिरावट
सरकार की ओर से इस फैसले के बाद शुगर कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली. बलरामपुर चीनी मिल्स का शेयर 6.7 फीसदी टूट गया. श्री रेणुका शुगर्स में 4.16 फीसदी और मवाना शुगर्स में 2.94 फीसदी की गिरावट आई.