चकाचौंध से भरी मुंबई में एक शख्स का मर्डर हुआ. पुलिस ने शव बरामद किया और दो हत्यारे भी पकड़े गए. उन्होंने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया. लेकिन समस्या तब खड़ी हुई जब पुलिस को उनकी कोई बात समझ नहीं आई. हत्यारे न तो बोल पा रहे थे और न सुन. दरअसल, दोनों मूक बधिर थे. पुलिस काफी देर तक पशोपेश में पड़ी रही. फिर मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल के बेटे ने उनकी मदद की. क्योंकि, वह भी सुन और बोल नहीं पाते. इस हत्याकांड में एक हैरान करने वाला मामला और सामने आया. हत्या का कारण मृतक की पत्नी बनी और वह भी दिव्यांग है.
आप समझ रहे हैं मर्डर मिस्ट्री सुलझ गई! अरे अभी नहीं… पुलिस जांच में एक ओर हैरत में डालने वाला मामला सामने आया. पुलिस के मुताबिक, दोनों हत्यारे एक वाट्सऐप ग्रुप में शामिल हैं, जिसमें कई देशों के दिव्यांग लोग मौजूद हैं. हत्यारों ने ग्रुप में शामिल तीन दिव्यांगो से हत्या करने के लिए मदद ली थी. हत्या के वक्त वह तीनों दिव्यांगों से वीडियो कॉल पर जुड़े हुए थे. इनमें एक बेल्जियम का दिव्यांग भी शामिल था.
बीते रविवार को दादर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ को दो लोग एक बैग ले जाते दिखे. वह लोग बैग को उठा नहीं पा रहे थे. पुलिस जब उनके पास पहुंची तो उनमें एक शख्स वहां से भाग खड़ा हुआ. रेलवे पुलिस ने जब बैग खोला तो वह सन्न रह गए. बैग के अंदर प्लास्टिक कवर में लिपटा एक शख्स का खून से लथपथ शव था. पुलिस ने भागे हुए शख्स को उल्हानगर इलाके से पकड़ लिया. पूछताछ में दोनों की शिनाख्त जय प्रवीण चावड़ा और शिवजीत सुरेंद्र सिंह के रूप में हुई. मृतक की पहचान अरशद अली शेख के रूप में की गई. पुलिस दोनों को पायधुनी थाने ले आई.
मुंबई के पायधुनी थाना पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने इलाके के गुलाल वाडी निवासी अरशद शेख की हत्या हथौड़ा मार कर की थी. हत्या के लिए पहले से प्लान तैयार किया गया था. अरशद की पत्नी रुखसाना भी इस अपराध में शामिल है. उसके आरोपी जय प्रवीण चावड़ा से अवैध संबंध थे. दोनों के बीच अड़चन बन रहे अरशद को मारने का उन्होंने प्लान बनाया था. इसके लिए जय ने अपने दोस्त शिवजीत की मदद ली. उन्होंने अरशद को पार्टी के लिए बुलाया. उसे शराब पिलाई और हथौड़े मार-मारकर उसकी हत्या कर दी.
इस बीच हत्यारों ने लाइव वीडियो कॉल के जरिए तीन लोगों से मदद ली, इनमें एक बेल्जियम का शख्स बताया जा रहा है. जय और शिवजीत ने अरशद की लाश को एक बैग में बंद कर लिया. वह दादर स्टेशन पहुंचे और शव को ठिकाने लगाने के लिए तुतारी एक्सप्रेस से प्लेटफार्म 11 से निकलने वाले थे. लेकिन बैग भारी होने के कारण जय चावड़ा उसे नहीं उठा सका. पुलिस को शक हुआ और उन्होंने बैग खुलवाया. उस समय शिवजीत वहां से भाग निकला लेकिन उल्हानगर से उसको पकड़ लिया. इस केस में विदेशी कनेक्शन निकलने पर स्पेशल क्राइम ब्रांच को जांच में लगाया गया है.