अमेरिका और इजरायल से मान रहे हैं कि कभी भी ईरान की ओर से हमला हो सकता है। दावा किया जा रहा है कि बाइडन प्रशासन को कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है कि ईरान की इजरायल पर सैन्य हमले की तैयारी है। हिजबुल्लाह की ओर से भी कोई आक्रामकता नहीं दिखी है।
हाल ही में एक तस्वीर शेयर करते हुए बताया गया कि गेलिक्स एयरलाइंस का एक रूसी आईएल-76टीडी कार्गो विमान 2 अगस्त को तेहरान हवाई अड्डे पर उतरा है। यह एयरलाइन हथियारों के ट्रांसपोर्ट के लिए जानी जाती है। ऐसे में रूस से ईरान में हथियार आने का दावा किया जा रहा है। ईरान ने हालिया समय में यूक्रेन युद्ध में उलझे रूस की काफी मदद की। खासतौर से ईरान ने रूस को शहीद ड्रोन मुहैया कराए थे। ऐसे में ये भी दावा किया जा रह है कि अब रूस की ओर से सहायता की जा रही है।
गेलिक्स एयरलाइन के विमान पहले भी हथियारों का ट्रांसपोर्ट करते रहे हैं। जुलाई 2012 में गेलिक्स एयरलाइन के विमान सीरिया में गृह युद्ध के बीच हथियार पहुंचाने के मामले में फंसे थे। इस मामले में एयरलाइन की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जांच और आलोचना की थी। गेलिक्स एयरलाइंस ने विद्रोही गुटों से लड़ रही सीरियाई सरकार को छोटे हथियारों और गोला-बारूद और दूसरे सैन्य उपकरणों की सुविधा प्रदान दी थी।अक्टूबर 2013 में भी गेलिक्स एयरलाइंस से प्लेन से सूडान में हथियार ले जाने की सूचना मिली थी। इस कार्गो में छोटे हथियार और हल्के हथियार शामिल थे जो कथित तौर पर सूडानी सरकार के लिए थे। दिसंबर 2015 में भी गेलिक्स एयरलाइंस लीबिया में हथियारों के परिवहन के लिए सुर्खियों में आई।
रूस के जिस आईएल-76टीडी विमान के ईरान पहुंचने का दावा किया गया है, वो करीब 50 टन (50,000 किलोग्राम) की पेलोड क्षमता के साथ हथियार और सैन्य उपकरण ले जा सकता है। इस विमान से बीटीआर बख्तरबंद कार्मिक वाहक और यहां तक कि टी -72 जैसे हल्के टैंक भी भेजे जा सकते हैं। यह हॉवित्जर और कई रॉकेट लॉन्चर जैसे तोपखाने के टुकड़े भी ले जा सकता है।
भारी हथियारों और वाहनों के अलावा, IL-76TD एस-300 या एस-400 जैसी विमान भेदी मिसाइल प्रणालियों से लेकर रडार सिस्टम और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों का ट्रांसपोर्ट भी कर सकता है। ये खूबियां इसे विभिन्न सैन्य अभियानों के लिए खास बनाती हैं। ये साफ नहीं है कि अगर इस विमान से ईरान में हथियार आए हैं तो वो किस तरह के हैं। माना जा रहा है कि इसमें ऐसे हथियार हो सकते हैं जो इजरायल से निपटने में ईरान की मदद करेंगे।