बिहार के दशरथ मांझी ने अकेले हथौड़ा और छेनी की मदद से एक बड़े पहाड़ को काटकर अपने गांव से रास्ता बना दिया था। अब दशरथ की यादों को महाराष्ट्र के वाशिम के रामदास फोफले ने ताजा कर दिया है।
जामखेड़ा गांव में पानी की समस्या से निजात पाने के लिए रामदास ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर सिर्फ 22 दिन में 20 फिट गहरा कुंआ खोद डाला। अब रामदास की कहानी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है। रामदास 10वीं फेल हैं, लेकिन उनके इरादे किसी चट्टान से कम नहीं हैं।
रामदास के गांव में आजादी के बाद से पानी की समस्या थी। अब उनके इस प्रयास से न सिर्फ उनके परिवार का, बल्कि आसपास के कुछ घरों की पानी की समस्या समाप्त हो जाएगी। रामदास ने बताया कि पानी के लिए घर के सदस्यों को कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। कुंआ बन जाने से लोगों को राहत मिली है।
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