अमेरिका में मौजूदा और पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी देश की सीक्रेट सर्विस की होती है. लेकिन बीते शनिवार को डोनाल्ड ट्रंप पर हमले ने बता दिया वो अपने इस प्राथमिक काम में ही नाकाम रहे हैं.43 साल पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन को एक हमलावर ने गोली मारी थी, जो उनके फेफड़ों में लगी थी, लेकिन इस हमले में उनकी जान बच गई थी.
आज अमेरिकी सियासतदान और अवाम, दोनों ही ये पूछ रहे हैं कि एक हत्यारा कैसे बंदूक के साथ छत पर पहुँचा और उसने मंच पर खड़े डोनाल्ड ट्रंप पर चार गोलियां चलाईं. ये सब ऐसी जगह पर हुआ, जिसे सिक्योरिटी एजेंसियों ने ट्रंप के लिए ‘महफूज़’ बनाया था.घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या वहाँ मौजूद लोगों की चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया या उन पर कार्रवाई नहीं की गई?अब इस घटना के बाद जांच में संघीय जांच एजेंसी (एफ़बीआई), सीक्रेट सर्विस और होमलैंड सिक्योरिटी भी शामिल हो गई हैं