71 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के कारण मुनव्वर राणा साहेब का लखनऊ में निधन हो गया. मुनव्वर राणा साहेब के निधन पर कई नामचीन हस्तियों ने शोक जताया है.
जानकारी के अनुसार, 71 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्होंने लखनऊ में अंतिम सांस ली. मुनव्वर राणा को साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. हालांकि सरकार से नाराज़गी जताते हुए उन्होंने अपना अवॉर्ड वापस करने का ऐलान किया था. मुनावार राणा साहेब की ये शायरी दिल ऐसा कि सीधे किये जूते भी बड़ों के
ज़िद इतनी कि ख़ुद ताज उठा कर नहीं पहना इस शायरी मैं राणा साहेब ने अपनी नाराज़गी साफ ज़ाहिर कर दी
2014 में कविता ‘शहदाबा’ के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अपने जीवन में उन्हें कई सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा गया था, जिनमें अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार सहित अन्य पुरस्कार शामिल हैं.
जब तक है डोर हाथ में तब तक का खेल है, देखी तो होंगी तुम ने पतंगें कटी हुई.’ अपनी ही लिखी ये पंक्तियां हमें सुनाने के लिए मशहूर शायर मुनव्वर राना अब हमारे बीच नहीं हैं.