हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी 24 जनवरी की रिपोर्ट में ग्रुप के खिलाफा कॉर्पोरेट घोटले से संबंधित आरोप लगाए थे. जिसकी वजह से ग्रुप कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. उस समय ग्रुप की वैल्यूएशन में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट देखने को मिल चुकी थी. अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है.
9 महीने पहले हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आई थी. जिसमें अडानी ग्रुप फाइनेंशियल फ्रॉड के आरोप लगाए गए थे. साथ ही कई तरह के दावे किए गए थे. शॉर्ट सेलर कंपनी ने अलग-अलग कंपनियों को लेकर भी अपने दावे दिए थे. जिसमें एक दावा रिपोर्ट आने 9 महीने के बाद सच होता हुआ दिखाई दे रहा है. हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप की वैल्यूएशन करीब 85 फीसदी कम होगा. जिनमें एक कंपनी की वैल्यूएशन में एक कंपनी का मार्केट कैप 85 फीसदी कम हो चुका है. ये कोई कंपनी नहीं बल्कि अडानी टोटल गैस लिमिटेड है.
वास्तव में सोमवार को अडानी टोटल गैस के शेयरों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर 571.85 रुपए पर आ गई. जबकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले कंपनी का शेयर 3,891.75 रुपए पर थे. अब आप अंदाजा लगा सकते कंपनी को अब तक कितना नुकसान हो चुका है. अगर बीते 9 महीने के आंकड़ें को देखें तो गौतम अडानी को अडानी टोटल से 3.65 लाख करोड़ का नुकसान हो चुका है.
वहीं दूसरी ओर अडानी ग्रुप की कुछ कंपनियों के शेयर और बॉन्ड में सुधार हुआ है. यह सुधार तब देखने को मिला जब जीक्यूजी पार्टनर्स की ओर अडानी ग्रुप के शेयरों में निवेश करना शुरू किया. बीते 9 महीने में अडानी टोटल गैस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कंपनी के लिए नई मुसीबत नई दिल्ली की राज्य सरकार द्वारा घोषित पॉलिसी है, जिसमें 2030 तक सभी कमर्शियल व्हीकल को ईवी में अनिवार्य रूप से परिवर्तित करने को कहा गया है. इस महीने अडानी टोटल गैस के शेयरों में 6 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है.
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी 24 जनवरी की रिपोर्ट में ग्रुप के खिलाफा कॉर्पोरेट घोटले से संबंधित आरोप लगाए थे. जिसकी वजह से ग्रुप कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. उस समय ग्रुप की वैल्यूएशन में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट देखने को मिल चुकी थी. अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है. मई में सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त पैनल की एक अंतरिम रिपोर्ट में कहा गया कि उसे स्टॉक-प्राइस में हेरफेर का कोई सबूत नहीं मिला.