किसान एकनाथ कोठुळे ने कहा कि किसानों का लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है. कई लोगों के पास आत्महत्या करने के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं है. नेता केवल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं, किसानों पर सरकार का ध्यान नहीं है.
महाराष्ट्र के कई इलाकों में बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं. पानी नहीं होने का असर किसानों की फसल पर पड़ा है. अहमदनगर के साथ ही मराठवाड़ा में ऐसे कई इलाके हैं, जहां मॉनसून के कमजोर होने का असर खेतों पर साफ दिखने लगा है. पौधे सूख रहे हैं. खेत और जानवरों के लिए पानी मौजूद नहीं है. कई इलाकों में अभी से ही टैंकर के जरिए पानी पहुंचाया जा रहा है. इसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है. बहुत से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. यही कारण है कि अहमदनगर के एक किसान ने अपनी सोयाबीन की फसल को खुद ही बर्बाद कर दिया.
डोंगररण इलाके में रहने वाले अन्नासाहेब मते ने गुस्से में सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टर से नष्ट कर दिया. पहले जून महीने में इन्होंने सोयाबीन की फसल लगाई थी, तब भी बारिश सही से नहीं होने का असर फसल पर पड़ा था, दूसरी बार अब उन्होंने खुद ट्रैक्टर से फसल को खत्म कर दिया. चार एकड़ के खेत में इन्हें करीब डेढ़ लाख रुपए का नुकसान हुआ है. अन्नासाहेब मते ने कहा कि बारिश नहीं होने से फसल बरबाद हो गई है. करीब एक महीने से बारिश नहीं हुई है. डेढ़ लाख खर्च करने के बावजूद कुछ नहीं मिला.
महाराष्ट्र के आंकड़ों पर नजर डालें तो कई ऐसे बांध हैं, जहां पर पानी की बहुत किल्लत है. जल विभाग की ओर से मिली रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल महाराष्ट्र के बांधों में जहां 84.67 फीसदी पानी मौजूद था, जबकि इस साल इन बांधों में 64.77 फीसदी पानी मौजूद है. औरंगाबाद इलाके में आने वाले बांधों में जहां पिछले साल 4 सितंबर तक 86.16 फीसदी पानी मौजूद था तो वहीं इस साल इन बांधों में केवल 37.19 फीसदी पानी मौजूद है.