मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर स्थानीय बीजेपी विधायक ने राज्य और केंद्र सरकार पर उठाऐ सवाल..

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Mumbai : मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर स्थानीय बीजेपी विधायक ने राज्य और केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाए हैं. विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे समय तक चुप रहने पर कहा कि 79 दिनों को भूल जाइये, इतनी बड़ी हिंसा के लिए एक सप्ताह (बोलने के लिए) भी लंबा समय है. उन्होंने कहा कि चुप रहने का मतलब अनसुना करना है. पाओलीनलाल हाओकिप चुराचांदपुर की सैकोट सीट से विधायक हैं. वो कुकी समुदाय से आते हैं.

मणिपुर की घटना पर बीजेपी विधायक ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े वीडियो वायरल होने के बाद हुई. जब उनसे पूछा गया कि हिंसा शुरू हुए 79 दिन हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री ने एक वीडियो आने पर अपनी चुप्पी तोड़ी, क्या यह बहुत देर नहीं हो गई? इस पर बीजेपी विधायक ने कहा कि हम गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे. प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. आज भी इसका इंतजार कर रहा हूं ताकि उन्हें स्थिति की गंभीरता बता सकूं.

उन्होंने कहा कि कुकी लोगों को लगता है कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकताएं ही गलत हैं. विधायक ने कहा कि वे प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे की अहमियत दौरे को कम नहीं आंक रहे हैं. लेकिन जब आपके लोग मारे जा रहे हैं, तो थोड़ा आपको समय और ध्यान उस पर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या जब तक मानवीय क्रूरता की इन घटनाओं के वीडियो नहीं आएंगे, तो क्या सरकार कार्रवाई नहीं करेगी

दरअसल, मणिपुर का वीडियो सामने आने के बाद प्रधानमंत्री का बयान सामने आया था. पीएम ने कहा था कि मणिपुर के हालात देखकर उनका ह्रदय दुःख और क्रोध से भरा हुआ है. किसी भी तरह की हिंसा को बातचीत से सुलझाया जा सकता है. मणिपुर का वीडियो परेशान करने वाला है, (महिलाओं के साथ) जो घटना सामने आई है वो अस्वीकार्य है. किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली है. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

CM पर उठाया सवाल
बीजेपी विधायक हाओकिप ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर भी कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीरेन सिंह राज्य के गृह मंत्री भी हैं. 4 मई की घटना को ही देखें तो इसमें FIR पहले दर्ज हो गई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें घटना के बारे में कल (19 जुलाई) पता चला. ये अक्षमता नहीं, बल्कि कवर-अप है. विधायक ने बताया कि नहीं, वे अब भी इसका इंतजार कर रहे हैं. आखिरी बार प्रधानमंत्री के अमेरिका जाने से पहले 10 कुकी विधायकों ने मिलने का समय मांगा था, लेकिन अब तक जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

कुकी विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अलग प्रशासन की मांग करते हुए पत्र लिखा था. इसमें कहा था कि आदिवासी लोगों के साथ नफरत इस स्तर पर पहुंच गई है कि बच्चों और महिलाओं को नहीं छोड़ा जा रहा है. इस मांग पर हाओकिप ने कहा,

अलग प्रशासन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. आम लोगों को छोड़ दीजिये, मेरे जैसे विधायक की जान सुरक्षित नहीं है जो इम्फाल में विधानसभा भी जा सके. हमारे एक साथी विधायक पर बेरहमी से हमला हुआ.”

इन घटनाओं के बाद क्या वे बीजेपी छोड़ने की सोच रहे हैं? इस पर हाओकिप ने कहा कि अभी ऐसा कुछ नहीं है. राजनीति कभी-कभी वेटिंग गेम होती है. देखना पड़ेगा कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं. अगर ऐसा समय आएगा जब लगेगा कि पार्टी में रहने से अपने लोगों (जिन्होंने हम पर भरोसा जताया है) के साथ धोखा हो रहा है तब हम अपना फैसला ले लेंगे.

उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की दूसरी घटनाओं का भी जिक्र किया. हाओकिप ने कहा कि युद्ध में, रेप या उत्पीड़न मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे खराब उदाहरण है. ये उनकी (अपराध करने वालों) नीचता दिखाती है.

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