Mumbai : ट्विटर के संस्थापक और पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि भारत में किसान आंदोलन के दौरान सरकार ने उन्हें ट्विटर को बंद कर देने की धमकी दी थी.
जैक डोर्सी ने दावा किया कि उनसे भारत के कई ऐसे पत्रकारों के अकाउंट बंद करने के लिए कहा गया था जो सरकार के आलोचक थे.
जैक डोर्सी ने ये दावा सोमवार को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट के साथ साक्षात्कार में किया है.
जैक डोर्सी से ‘ताक़तवर लोगों’ की मांगों के संबंध में सवाल पूछा गया था. इस सवाल में भारत का नाम भी नहीं लिया गया था. इसके जवाब में डोर्सी ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर को बंद तक करने की धमकी दी थी.
जैक डोर्सी से पूछा गया था, “दुनियाभर के ताक़तवर लोग आपके पास आते हैं और कई तरह की मांगें करते हैं, आप नैतिक सिद्धांतों वाले व्यक्ति हैं, इन हालात से आप कैसे निकलते हैं?”
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मिसाल के तौर पर भारत एक ऐसा देश है, जहाँ से किसान आंदोलन के दौरान हमारे पास बहुत सी मांगें आ रहीं थीं. कुछ ख़ास पत्रकार सरकार के आलोचक थे, उनके बारे में. एक तरह से हमसे कहा गया कि हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे, भारत हमारे लिए बड़ा बाज़ार है. आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मार देंगे, जो उन्होंने किया. हम आपके आफ़िस बंद कर देंगे, अगर आप हमारी बात नहीं मानेंगे. ये भारत में हो रहा था, जो लोकतांत्रिक देश है.”
जैक डोर्सी को भारत ने दिया जवाब
भारत सरकार ने ट्विटर के आरोपों को खारिज किया है. भारत के इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर जारी एक बयान में कहा है कि ये ट्विटर के इतिहास के एक संदिग्ध दौर को साफ़ करने का प्रयास है.
उन्होंने कहा कि जैक डोर्सी के नेतृत्व में ट्विटर और उनकी टीम लगातार भारतीय नियमोंका उल्लंघन कर रही थी. तथ्य ये है कि साल 2020 से 2022 के बीच उन्होंने लगातार भारत के क़ानूनों का पालन नहीं किया. ट्विटर ने अंततः जून 2022 में क़ानूनों का पालन किया.
उन्होंने कहा कि ना ही कोई जेल गया था और ना ही ट्विटर बंद हुआ था.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “ट्विटर ने ऐसा व्यवहार किया जैसे भारत के क़ानून उस पर लागू ही नहीं होते हैं. भारत एक सार्वभौमिक राष्ट्र है और उसे अधिकार है कि ये सुनिश्चित करे कि भारत में काम कर रही सभी कंपनियां भारतीय क़ानूनों का पालन करें.”
किसान आंदोलन के समय का हवाला देते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “जनवरी 2021 के प्रदर्शनों के दौरान, बहुत सी भ्रामक जानकारियां थीं और यहां तक की नरसंहार तक की रिपोर्टें आ रहीं थीं जो बिलकुल फ़र्ज़ी थीं. भारत सरकार प्लेटफार्म से ऐसी जानकारियां हटवाने के लिए बाध्य थी क्योंकी ऐसी फ़र्ज़ी ख़बरें हालात को और गंभीर बना सकती थीं.”
राजीव चंद्रशेखर ने ट्विटर पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए अमेरिका में हुए घटनाक्रम का हवाला दिया.
उन्होंने कहा, “जैक के समय में ट्विटर का भेदभावपूर्ण रवैया इस स्तर का था कि उन्हें भारत में तो भ्रामक जानकारियां हटाने से दिक्कत थी लेकिन जब ऐसा ही घटनाक्रम अमेरिका में हुआ तो उन्होंने स्वयं ही ऐसा किया था.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत में किसी पर भी रेड नहीं डाली गई थी और ना ही किसी को जेल भेजा गया था. हमारा मकडसद सिर्फ़ भारतीय क़ानूनों का पालन सुनिश्चित कराना था.
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एलन मस्क के बारे में डोर्सी ने क्या कहा?
इस साक्षात्कार में जैक डोर्सी ने ट्विटर के मौजूदा मालिक एलन मस्क के बारे में भी बात की.
उन्होंने एलन मस्क के कई क़दमों को ‘काफ़ी लापरवाह’ कहा.
डोर्सी ने बताया कि उन्होंने मस्क से कई बार ट्विटर के बोर्ड में शामिल होने का आग्रह किया था. पिछले साल मस्क बोर्ड में शामिल हो गए और इसके बाद उन्होंने ट्विटर को ख़रीदने का प्रस्ताव रखा.
मस्क के बारे में डोर्सी ने कहा, “एलन हमारे नंबर एक यूज़र थे. वो नंबर एक ग्राहक भी थे..वो हमारे प्लेटफॉर्म को गहराई से समझते थे. वो टेक्नॉलजिस्ट हैं और तकनीक का निर्माण करते हैं.”
हालांकि मस्क ट्विटर की ख़रीद का प्रस्ताव देकर पीछे हट गए थे और ट्विटर को मुक़दमा करना पड़ा था. इसके बाद मस्क ने ट्विटर को ख़रीद लिया था.
कॉन्टेंट हटाने की मांग करने में भारत नंबर एक
अप्रैल में जारी हुई ट्विटर की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के मुताबिक भारत ट्विटर से कॉन्टेंट हटाने की मांग करने के मामले में दुनिया में सबसे आगे है.
ट्विटर की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ एक जनवरी 2022 से 30 जून 2022 के बीच ट्विटर को दुनियाभर की सरकारों ने कॉन्टेंट हटाने की मांग करते हुए 53000 क़ानूनी नोटिस भेजे.
ट्विटर से नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में 6,586,109 कॉन्टेट सामग्रियों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया, जिनमें से ट्विटर ने 5,096,272 अकाउंट पर कार्रवाई की जबकि 1,618,855 अकाउंट ट्विटर के नियमों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिए गए. ट्विटर को 85 से अधिक देशों की सरकारों ने यूज़र डेटा हासिल करने की 16 हज़ार से अधिक मांगें भेजीं.
ट्विटर के मुताबिक़ ये मांगे करने वाले शीर्ष देश हैं- भारत, अमेरिका, फ़्रांस, जापान और जर्मनी.