महाराष्ट्र में बनी रहेगी शिंदे सरकार, SC बोला- उद्धव इस्तीफा नहीं देते तो हम राहत दे सकते थे

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सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि किसी राजनीतिक दल के अंदरूनी विवाद या मतभेद को हल करने के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंत: पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है.

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने पिछले साल जून में महाराष्ट्र में घटे राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर उद्धव गुट बना शिंदे गुट मामले में अपना फैसला सुना दिया. स्पीकर के खिलाफ अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो क्या वह विधायकों की अयोग्यता की अर्जी का निपटारा कर सकते हैं? अब इस मुद्दे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की पीठ करेगी. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि 2016 का नबम रेबिया मामला, जिसमें कहा गया था कि स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराने की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है, अगर उनके निष्कासन का प्रस्ताव लंबित है, इसमें एक बड़ी पीठ के संदर्भ की आवश्यकता है. इसे बड़ी बेंच के पास भेजा जाना चाहिए. अब इस मुद्दे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की पीठ करेगी.

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