यूपी STF ने गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में मार गिराया, एक हफ्ते पहले ही जेल से रिहा हुआ था पढ़िए पूरी खबर

0
218

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

अनिल दुजाना पर 18 मर्डर सहित रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमे दर्ज थे. साथ ही उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है.

एसटीएफ ने पश्चिमी उत्त्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. एसटीएफ ने अनिल दुजाना को मेरठ में आज दोपहर जानी थाना क्षेत्र के भोला की झाल में एक एनकाउंटर में मार गिराया. अनिल दुजाना उर्फ़ अनिल नागर पर हत्या, लूट, अपहरण सहित कई संगीन मामलों में मुकदमे दर्ज थे. एसटीएफ और यूपी पुलिस पिछले कई दिनों से अनिल दुजाना की तलाश में थी.

इस गैंगस्टर पर 18 मर्डर सहित रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट समेत 62 संगीन मुकदमे दर्ज थे. साथ ही अनिल पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका है. वह गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से हमले का आरोपी है. दुजाना 2012 से जेल में था और जनवरी 2021 में बेल पर बाहर आया. उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था. केसों में पेश नहीं होने को लेकर अदालत ने गैरजमानती वॉरंट जारी कर रखा था.

दुजाना गांव के कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना पर पहला मामला साल 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में दर्ज हुआ था. इस मामले में उसपर हरबीर पहलवान नाम के व्यक्ति की हत्या का आरोप था. अनिल दुजाना पर करीब 62 केस दर्ज हैं, जिनमें से 18 केस हत्या के हैं और बाकी लूटपाट, रंगदारी, जमीन कब्ज़ा और आर्म्स एक्ट से जुड़े मामले हैं. इसके अलावा उस पर गैंगस्टर और रासुका भी लग चुका है. अनिल दुजाना का खौफ तब ज्यादा हो गया, जब उसने गैंगस्टर सुंदर भाटी पर एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी.

इस हत्याकांड में अनिल दुजाना 2012 में धरा गया और जेल भेज दिया गया. इसके बाद साल 2014 में सुंदर भाटी ने पलटवार करते हुए दुजाना के भाई को मार डाला. जेल में रहते हुए ही उसके गुर्गों ने 2019 में दिल्ली के एक कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी और इसके बाद वह जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आ गया. इसके बाद इसी साल अक्टूबर में दुजाना ने एक और व्यापारी से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी थी. वहीं, एक और हत्या के मामले में गवाह को धमकाया था. अनिल दुजाना इन सब मामलों के अलावा अन्य केस की पेशी में भी नहीं जाता था, जिस कारण उस पर अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था और यूपी पुलिस ने 75 हजार का इनाम भी रखा था. 

Facebook Comments Box