मुंबईः मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे को खंडाला घाट के घुमावदार रास्तों से मुक्ति दिलाने वाले दोनों टनल्स का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इनमें से एक टनल 1.75 किलोमीटर और दूसरा 8.93 किलोमीटर लंबा होगा। लंबाई के मामले में यह दोनों टनल्स भारत के अन्य दूसरे टनल्स की तुलना में अधिक हैं, बल्कि चौड़ाई के मामले में भी विश्व के सभी टनल्स को पीछे छोड़ देंगे। 23 मीटर की चौड़ाई वाले दोनों टनल केवल भारत ही नहीं, विश्व के सबसे बड़े टनल होंगे। इसमें चार लेन होंगे।
हालांकि इन टनल्स के निर्माण कार्य की डेडलाइन लगातार बढ़ रही है। पहले लॉकडाउन की वजह से इनका काम बाधित हुआ, फिर मार्च 2024 की डेडलाइन तय की गई। अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इन दोनों टनल्स का काम जनवरी 2025 में ही पूरा हो पाएगा।
आधे घंटे का समय बचेगा
यह दोनों टनल्स लोणावला के तालाब के नीचे से गुजरेंगे। इनके बन जाने पर मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे की दूरी छह किलोमीटर कम हो जाएगी। एक्सप्रेसवे पर खोपोली और सिंहगड़ इंस्टिट्यूट के बीच 19 किलोमीटर की दूरी घटकर 13.3 किलोमीटर रह जाएगी। इससे मुंबई और पुणे के बीच की दूरी तय करने में करीब आधे घंटे का समय बचेगा।
इस टनल को एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए केबल पर टिके ब्रिज का निर्माण हो रहा है। इसके विशालकाय खम्भों का काम लगभग पूरा हो चुका है। एक्सप्रेसवे के आडोशी टनल से लेकर खंडाला के अंतिम छोर पर फिलहाल सर्वाधिक ट्रैफिक होती है। पुराना मुंबई-पुणे हाइवे और एक्सप्रेसवे की दो और चार लेन साथ चलती है। इससे लोगों को निजात मिलेगी। साथ ही इस इलाके में पहाड़ियां धंसने से भी कई दुर्घटनाएं हुई हैं, इनसे भी राहत मिलेगी।