गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्याओं को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मंगलवार को प्रयागराज में उत्तर प्रदेश पुलिस को नोटिस जारी किया। अतीक अहमद और उनके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पिछले शनिवार को प्रयागराज में मेडिकल जांच के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी। तीनों हमलावरों लवलेश तिवारी, सन्नी सिंह और अरुण मौर्य ने पत्रकारों के रूप में वीडियो कैमरा, माइक और मीडिया पहचान पत्र लिए हुए थे। अहमद को सीने और सिर में नौ गोलियां लगीं जबकि उसके भाई को पांच गोलियां मारी गईं।
हमलावरों ने हमले को अंजाम देने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और अब वे प्रतापगढ़ जिला जेल में बंद हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है जो दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगा।
24 फरवरी को वकील उमेश पाल की हत्या समेत 100 से ज्यादा मामलों में अतीक अहमद नामजद था। 2005 में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह रहे पाल की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोपियों में शामिल अहमद का बेटा असद पिछले शुक्रवार को झांसी में यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
अतीक और अशरफ की हत्या के आरोपित शूटर मोहित उर्फ सनी सिह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या की बुधवार को कोर्ट में पेशी होगी। तीनों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पुलिस पेश करेगी। यहां एसआइटी की ओर से अभियुक्तों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिए जाने की अर्जी दी गई है। अभियुक्तों की पेशी को देखते हुए कचहरी के भीतर और बाहर सुरक्षा का कड़ा पहरा रहेगा। पुलिस के साथ ही पीएसी और आरएएफ की भी तैनाती की गई है।