बिलकिस बानो केस को सुप्रीम कोर्ट ने बताया भयावह, 11 दोषियों की रिहाई पर केंद्र-गुजरात सरकार को नोटि पढ़िए पूरी खबर

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बिलकिस बानो केस के 11 दोषियों की समय पूर्व रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की. पीड़िता बिलकिस बानो के दोषियों को गुजरात सरकार ने 15 अगस्त 2022 को को गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया था. इसी के खिलाफ बानो ने 30 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस मामले में कोर्ट ने केंद्र व गुजरात सरकार को नोटिस भेजा है.

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो मामले के दोषियों की समय से पहले रिहाई को चुनौती देने वाली बिलकिस बानो की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. कोर्ट ने इसके बाद केंद्र, गुजरात राज्य और 11 दोषियों को नोटिस जारी किया है. जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तारीख तय की है. सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी में कहा कि ‘दोषियों द्वारा किया गया अपराध भयावह है और यह भावनाओं से अभिभूत नहीं होगा.

सुनवाई के दौरान, पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से पूछा कि क्या छूट देने से पहले उनसे परामर्श किया गया था. इस पर एएसजी ने पीठ को बताया कि इस मामले में केंद्र से विधिवत परामर्श किया गया था. इस पर, न्यायमूर्ति जोसेफ ने गुजरात राज्य के वकील से कहा कि दोषियों की रिहाई से संबंधित सभी फाइलें सुनवाई की अगली तारीख पर तैयार रखें. अदालत ने मामले की सुनवाई 18 अप्रैल के लिए निर्धारित करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वह पहले वह दायरा तय करेगी जिसके भीतर सुनवाई की जानी है.

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