बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों ने क्यों बीजेपी के लिए खड़ी कर दी हैं मुश्किलें?

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मुंबई : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण पर गंभीर आरोप लगाते हुए पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. ऐसे में बीजेपी अगर अपने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाती है तो यूपी में एक जाति विशेष नाराज हो सकती है जबकि, दूसरी तरफ बृजभूषण इस्तीफा नहीं देते हैं तो हरियाणा में सियासी समीकरण गड़बड़ा सकता है.

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. विनेश फोगाट से लेकर गीता फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया जैसे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवानों के बृजभूषण शरण सिंह पर गंभारी आरोप लगाए हैं और उनके इस्तीफे की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा की खाप पंचायत पहलवानों के समर्थन में उतर गई हैं और विपक्ष भी सवाल खड़ा कर रहा है. इस तरह बृजभूषण शरण सिंह ने बीजेपी के लिए चिंता बढ़ा दी, क्योंकि वह न तो अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं और न ही पहलवान पीछे हटने को तैयार हैं.

यौन शोषण के आरोपों से घिरे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. देश की नामी महिला पहलवान तीन दिन से जंतर-मंतर पर धरना दे रही है. बृजभूषण ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के समक्ष अपनी सफाई रखी, लेकिन मामला बढ़ता ही जा रहा है. मोदी सरकार की तरफ से पहलवानों-बृजभूषण के मामले का हल निकालने का रास्ता तलाशा जा रहा है, जिसके लिए गुरुवार देर रात तक अनुराग ठाकुर के घर पर मंथन चलता रहा.

मोदी सरकार जल्द से जल्द इस विवाद का निपटारा करने की कवायद में जुटी है, लेकिन अभी तक हल कोई नहीं निकल पा रहा है. पहलवानों ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे तब तक अपना प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे, जब तक बृजभूषण शरण सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटा नहीं दिया जाता. वहीं, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश तक की सियासत गर्मा गई है, जिसके चलते बीजेपी कशमकश में फंसी हुई है.

बीजेपी को जातीय समीकरण बिगड़ने का डर

दरअसल, बीजेपी अगर अपने छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाती है तो यूपी में एक जाति विशेष नाराज हो सकती है जबकि, दूसरी तरफ बृजभूषण इस्तीफा नहीं देते हैं तो हरियाणा में सियासी समीकरण गड़बड़ा सकता है. खाप पंचायत और जाट समुदाय भी पहलवानों के समर्थन में खड़ा नजर आ रहा है. इस तरह बीजेपी के लिए जातीय समीकरण बिगड़ने का भी खतरा बन गया है.

हरियाणा में जाट समुदाय की फोगाट खाप पहलवानों के समर्थन में उतर गई है. हरियाणा के अलावा यूपी में भी सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत भी साथ खड़ी हो सकती है. बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से नहीं हटाने पर ये संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर कूच कर गया है. फोगाट खाप के अध्यक्ष बलवंत नंबरदार का कहना है कि पहलवानों ने देश का नाम रोशन किया है. अब उनके साथ कुश्ती संघ में ऐसी हरकत होना, सिर को शर्म से झुका देती है. हरियाणा की सभी खापें के अलावा दूसरें राज्यों की खापें भी पहलवानों की लड़ाई में उतर सकती है.

हरियाणा के चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम में पंचायत आयोजित की गई. जिसमें सांगवान, फोगाट, श्योराण, सतगामा, पंवार सहित दर्जनभर खाप के प्रतिनिधियों के अलावा कर्मचारी, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए. पंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने एकजुट होते हुए देश के लिए मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के साथ कुश्ती महासंघ द्वारा किए जा रहे अत्याचार की घोर निंदा की और बृजभूषण सिंह को बर्खास्त करने की मांग रखी.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट और किसान नेता भी पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पर पहुंचे थे. जाट आरक्षण संघर्ष कमेटी के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार को कार्रवाई में देरी नहीं करनी चाहिए. दिल्ली और उसके आसपास के कई राज्यों की खाप पंचायतें एवं अन्य समुदाय, जंतर मंतर पर आने से गुरेज नहीं करेंगे. पहले हरियाणा के खेल मंत्री, अब कुश्ती महासंघ की करतूतों को सहन नहीं करेंगे. हरियाणा की खापों से भी आह्वान किया गया है कि वे भी देश के खिलाड़ियों के समर्थन में जंतर-मंतर पहुंचे.

हरियाणा में भी बीजेपी की बढ़ी मुश्किलें

बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों को उतरने से पार्टी की चिंता सबसे ज्यादा हरियाणा में बढ़ गई है, क्योंकि जंतर-मंतर पर धरना दे रहे अधिकांश पहलवान हरियाणा के हैं और वे जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. ऐसे में बीजेपी की राह मुश्किल हो सकती है, क्योंकि कुश्ती महासंघ पर आरोप लगाने वाली पहलवान महिला हैं. जाट समुदाय बेटियों को लेकर काफी संवेदनशील होते हैं और बीजेपी सांसद के खिलाफ पार्टी सख्त एक्शन नहीं लेती है तो हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी बढ़ सकती है.

मामला बढ़ता देख हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से बात कर चिंता जाहिर की और महिला पहलवानों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से हमारी महिला खिलाड़ियों खास तौर से बेटियों का मनोबल टूटता है. सीएम खट्टर ने कहा कि महिला खिलाड़ी जो हमारी बेटियां हैं, उनकी सुरक्षा बहुत जरूरी है. इसके अलावा केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि धरने पर बैठे खिलाड़ियों से मेरा व्यक्तिगत स्नेह और परिचय है. बजरंग पूनिया से उन्होंने बात भी की और खिलाड़ियों का सम्मान कम नहीं होने देने की बात कही.

बीजेपी नेता और पहलवान बबीता भोगाट मध्यस्थता कर रही हैं, लेकिन बृजभूषण सिंह किसी भी सूरत में इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं बल्कि अपनी सियासी ताकत दिखाने का भी ऐलान कर दिया है. बृजभूषण अपने समर्थन में पहलवानों को जुटाकर दिखाना चाहते हैं कि उनके खिलाफ एक साजिश की जा रही है. आज शुक्रवार को चार बजे बृजभूषण सिंह प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे, लेकिन उससे पहले उन्होंने कह दिया है कि वह क्यों इस्तीफा दें, किसी के दया पर कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष नहीं बनें हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि अगर वो बोलेंगे तो सुनामी आ जाएगी.

बीजेपी यूपी में भी कश्मकश में फंसी

बृजभूषण सिंह किसी भी सूरत में कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है और बीजेपी के लिए उन्हें पद से हटाना भी आसान नहीं है. बृजभूषण सिंह पूर्वांचल की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बाहुबली भी हैं. ठाकुर समुदाय के बीच उनकी ठीक-ठाक पकड़ है. बस्ती और देवीपाटन मंडल में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता हैं. बृजभूषण सिंह खुद छह बार के सांसद हैं. इसके अलावा उनकी पत्नी केतकी सिंह भी सांसद रह चुकी हैं और बेटा दो बार से विधायक हैं. बृजभूषण सिंह के जितने विरोधी नेता रहे हैं, उनका निधन हो गया या फिर जेल में है.

बृजभूषण शरण सिंह यूं तो 1991 में आनंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े और पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद से गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से सांसद रह चुके हैं. राममंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी से जुड़े और अयोध्या में बाबरी विध्वंस में भी शामिल रहे. बृजभूषण सिंह का बीजेपी में एक बाहुबली नेता के रूप में उदय था, जिन्होंने पहलवानी अखाड़े से लेकर सियासी रणभूमि तक अपनी ताकत का एहसास कराया. पहलवानी से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तक और बीजेपी से लेकर सपा तक बाहुबली नेता बृजभूषण ने हर बार खुद को सियासी दुनिया का बाहुबली साबित किया है.

बृजभूषण सिंह ने बाहुबली छवि के दम ठाकुर समाज के बीच अपनी गहरी पैठ भी बना रखी है और मौजूदा समय में उनका समाज बीजेपी का हार्डकोर वोटर माना जाता है. ऐसे में बीजेपी अगर उन्हें बर्खास्त करती है तो फिर सूबे में ठाकुर समुदाय नाराज हो सकता है. यूपी में मायावती ने रघुराज प्रताप सिंह को जेल में डाला था तो ठाकुर नेता सपा के पक्ष में खड़े हो गए थे, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह भी शामिल थे.

योगी आदित्यनाथ के 2017 में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने के बाद सूबे में ठाकुर समुदाय बीजेपी के साथ मजबूती से खड़ा है, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह पर किसी तरह का एक्शन लिया जाता है तो फिर बस्ती से लेकर गोंडा तक ठाकुर बीजेपी से नाराज भी हो सकते हैं. इन्हीं सारे सियासी समीकरण को देखते हुए बीजेपी कशमकश में फंसी हुई नजर आ रही है, जिसके चलते उनके खिलाफ अभी तक एक्शन नहीं लिया गया है जबकि उन पर काफी गंभीर आरोप लगे हैं. बीजेपी के नेताओं से लेकर कांग्रेस सहित सभी पार्टियां पहलवानों के समर्थन में खड़ी हैं.

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