ज्ञानेश्वर सिंह का झूठा आरोप समीर वानखेड़े ने आर्यन को ड्रग केस में रिहा करने के लिए 25 करोड़ रुपए की डील कि थी , ज्ञानेश्वर सिंह कहा से लाएंगे झूठा सबूत ये देखने वाली बात होंगी
मुंबई : मुंबई के चर्चित क्रूज ड्रग केस आर्यन खान को केस में गिरफ्तार करने वाले मुंबई NCB के पूर्व चीफ समीर वानखेड़े ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है, उन्होंने IPS अधिकारी और विजिलेंस टीम के हेड ज्ञानेश्वर सिंह पर यह आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय उत्पीड़न और अत्याचार आयोग से शिकायत की है,
ज्ञानेश्वर सिंह ने आर्यन खान क्रूज ड्रग्स मामले में 7-8 अधिकारियों पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था, इस दौरान उन्होंने समीर वानखेड़े पर भी आरोप लगाए गए थे, उनका दावा है कि वानखेड़े ने आर्यन को ड्रग केस में रिहा करने के लिए 25 करोड़ रुपए की डील की थी,
नेशनल कमीशन को भेजी थी 50 पेज की अर्जी
समीर वानखेड़े ने से बताया कि उन्होंने दो महीने पहले उनके खिलाफ जो भी जांच चल रही थी, उसे रोकने के लिए नेशनल कमीशन फॉर शेड्यूल कास्ट के पास 50 पेज की एक अर्जी भेजी थी। इस पर जांच के बाद अब आदेश आया है कि उनके खिलाफ चल रही जांच पर रोक लगाई जाए। वानखेड़े ने बताया कि जांच करने के नाम पर जांच अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह ने बाबासाहेब अंबेडकर का मजाक उड़ाया था।
जांच के नाम पर मुझे और परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है
जांच अधिकारी ज्ञानेश्वर सिंह ने एक दलित परिवार (वानखेड़े का परिवार) को काफी प्रताड़ित किया, समीर वानखेड़े ने कहा, ‘मैंने आयोग को सभी सबूत दिए हैं और इन पर (ज्ञानेश्वर) SC/ST एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी, मैंने यह शिकायत सितंबर में की है, इन्होंने (ज्ञानेश्वर ने) जांच के नाम पर मेरे डिटेल, मेरी पत्नी के पर्सनल डिटेल, उनके बैंक डिटेल और जांच के पॉइंट्स जानबूझ कर मीडिया में लीक कर दिए। यह सिर्फ मेरी बेइज्जती करने और मुझे प्रताड़ित करने के लिए किया गया। यह सब लीक करने के बाद हमें समाज में बहुत कुछ झेलना पड़ा,
जांच अधिकारी ने हमारे भगवान बाबासाहेब का मजाक उड़ाया है और हम उन्हें कानूनी रूप से जवाब देंगे, आर्यन केस से हटाए जाने के सवाल पर वानखेड़े ने कहा- मुझे जांच कमीशन पर पूरा भरोसा है और देश की न्याय व्यवस्था का पूरा सम्मान करते हुए मैं उसके फैसले का इंतजार करूंगा, इसके बाद जो भी कानूनी कदम है वह उठाया जाएगा, जांच में लापरवाही के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है, कमीशन अभी जांच कर रहा है और वह सही निर्णय लेगा,
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने एक बयान में कहा, ‘आयोग ने पाया है कि याचिकाकर्ता के साथ भेदभाव और उत्पीड़न हुआ है. प्राधिकरण इस मामले में एनसीबी] को एनसीएससी द्वारा इस मामले की जांच पूरी होने तक किसी तरह की कार्रवाई पर रोक लगाता है. संबंधित अधिकारी से टेलीग्राम या फैक्स द्वारा तत्काल जवाब मांगा जाएगा. अगर कोई जवाब प्राप्त नहीं होता है तीन कार्य दिवसों में, संबंधित प्राधिकारी को जांच के लिए तीन दिन के नोटिस पर आयोग के समक्ष पेश होना पड़ सकता है.’
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