Kirit Somaiya INS Vikrant Case: 2013-14 में INS विक्रांत को बचाने के लिए चलाए गए कैंपेन के दौरान इकट्ठे हुए पैसे की हेराफेरी के मामले में बीजेपी नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील पर केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ ये केस मुंबई के ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है.
2013-14 में सोमैया ने चलाया था कैंपेन
57 करोड़ की हेराफेरी से जुड़ा है मामला
Kirit Somaiya INS Vikrant Case: बीजेपी नेता किरीट सोमैया के खिलाफ मुंबई में केस दर्ज किया गया है. ये केस INS विक्रांत को बचाने के लिए इकट्ठा किए गए चंदे में कथित फर्जीवाड़े को लेकर दर्ज किया गया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सोमैया और उनके बेटे नील के खिलाफ मुंबई के ट्रॉम्बे पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है. ये FIR पूर्व सैनिक बबन भोसले ने दर्ज करवाई है.
किरीट सोमैया और उनके बेटे के खिलाफ ये FIR ऐसे समय में दर्ज की गई है, जब दो दिन पहले ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी की 11 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति अटैच की है. संजय राउत की पत्नी की संपत्ति जब्ती पर सोमैया ने कहा था कि मैंने ED से इस मामले में संजय राउत की भूमिका की जांच करने को भी कहा है.
सबसे पहले बात, INS विक्रांत के इतिहास की
– INS विक्रांत का पुराना नाम HMS हरक्युलिस था. ये ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर था, जिसे 1957 में भारत ने खरीदा था. जिस समय भारत ने इसे खरीदा था, उस समय ये पूरा बना नहीं था. बाद में भारत ने इसे बनाया था.
ये भारत का पहला एयरक्राफ्ट कैरियर था. कैप्टन प्रीतम सिंह महिंद्रू इसके पहले कमांडिंग ऑफिसर थे. गोवा की आजादी की लड़ाई के लिए इसे तैनात किया गया था. उस समय इसमें INS राजपूत और INS किरपाण, दो डिस्ट्रॉयर थे. हालांकि, इसका इस्तेमाल नहीं किया गया था.
1965 और 1971 में पाकिस्तान के साथ जंग में INS विक्रांत ने अहम भूमिका निभाई. 1965 में पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने INS विक्रांत को डुबो दिया है, लेकिन वो मुंबई में खड़ा था. 1971 के युद्ध में भी पाकिस्तानी नौसेना की सबमरीन गाजी INS विक्रांत को डुबोने के लिए भेजी गई थी, लेकिन खुद ही डूब गई.
INS विक्रांत को 1961 में नौसेना में शामिल किया गया था. 1971 में पाकिस्तान के साथ जंग में इस जहाज ने अहम भूमिका निभाई थी. 1997 में इसे डिकमीशन कर दिया गया था. 2014 में इस जहाज को ऑनलाइन नीलामी में स्क्रेपयार्ड को बेच दिया गया था.
करीब 36 सालों तक नौसेना में सेवा देने के बाद INS विक्रांत को जनवरी 1997 में डिकमीशन कर दिया गया. इसके बाद इसे मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के सामने तैनात कर दिया गया. 2001 में नेवी ने इसे आम जनता के लिए खोल दिया.
फिर हुई इसकी नीलामी, उसी मामले में फंसे हैं सोमैया
– नेवी से डिकमीशन होने के बाद INS विक्रांत को म्यूजियम में तब्दील कर दिया गया. करीब 11 साल तक ये म्यूजियम बना रहा. 2012 में इसे ये कहकर बंद कर दिया कि अब इसकी हालत खराब हो गई है और अब ये लोगों के लिए सुरक्षित नहीं है.
INS विक्रांत के रखरखाव पर भारी खर्चा हो रहा था. महाराष्ट्र सरकार ने भी हाथ खड़े कर दिए थे. दिसंबर 2013 में भारत सरकार ने इसकी नीलामी को मंजूरी दे दी. जनवरी 2014 में इसे ऑनलाइन नीलामी में 60 करोड़ रुपये में बेच दिया गया.
INS विक्रांत की नीलामी का देशभर में विरोध हुआ. उस समय बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने भी इसका विरोध किया और इसके रखरखाव के लिए लोगों से चंदा इकट्ठा किया. उस समय सोमैया Save The Vikrant टीशर्ट पहनकर चंदा इकट्ठा कर रहे थे.
सोमैया और उनके बेटे पर FIR दर्ज करवाने वाले बबन भोंसले ने न्यूज एजेंसी को बताया कि राजभवन के मुताबिक इस कैंपेन में जो पैसा इकट्ठा किया गया था, वो वहां पहुंचा ही नहीं. उनका आरोप है कि इस कैंपेन में 57 करोड़ रुपये का इकट्ठे किए गए थे. भोंसले ने सोमैया पर इस पैसे का इस्तेमाल अपने कारोबार में करने का आरोप लगाया है.
इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस
सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर रेहाना शेख ने न्यूज एजेंसी को बताया कि किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया के खिलाफ वित्तीय हेराफेरी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी करना), धारा 406 (विश्वास का आपराधिक हनन) और धारा 34 (कई लोगों का एक मकसद से अपराध करना) के तहत केस दर्ज किया गया है.