1974 में तब की सरकार ने बनवाया था.
यह भारत की पहली बहुमंजिला इमारत थी जिसमें जिसमें escalator लगाया गया था. जिन्हें लगता है कि 70 सालों में कुछ नहीं हुआ, यह जानकारी उनके काम की हो सकती है.
अब व्यापार जिनके खून में हैं वह मोदी सरकार इस इमारत को बेचने जा रही हैं. केवल किराए से ही 100 करोड़ सालाना की आमदनी सरकार को होती थी इस इमारत से.
इस इमारत ने एयर इंडिया के कर्मचारियों का जीवन, घर परिवार उस वक्त बचाया जब एयर इंडिया के पास सैलरी तक देने के पैसे नहीं थे.100 करोड़ किराए का बड़ा हिस्सा सैलरी में जाता था.
इतना ही नहीं. देश के लिए 18-18 घंटे काम करने वाले मोदी की सरकार ने देश भर में मौजूद एयर इंडिया कॉलोनी भी खाली कराने का फरमान सुनाया है.
सोचिए, लोग कहां जाएंगे?
इसके अलावा एयरइंडिया की तमाम सब्सिडियरी कंपनियां, बेशकीमती ज़मीनें, कॉलोनी से लेकर इमारतें तक बेची जा रही हैं. नियम में बदलाव कर एयरपोर्ट परम मित्र अडानी को बेचे ही जा चुके हैं. यह आप जानते हैं.
मद्रास हाईकोर्ट में निजीकरण और कॉलोनी खाली कराए जाने के विरुद्ध एक याचिका भी दायर की गई थी इसी साल जनवरी में. कोर्ट ने 10 मार्च को वह याचिका खारिज कर दी.
रामराज्य 2.0 बहुत स्पीड से आ रहा है. कहीं श्रीलंका वाला हाल न हो जाए. अगर नहीं पता हो तो जान लीजिए कि इस साल के शुरुआती तीन महीनों में ही विदेशी निवेशकों ने भारत के बाज़ार से एक लाख करोड़ रूपए वापस खींच लिए.
मुंबई के नारीमन प्वाइंट पर मौजूद
यह मुंबई की ही नहीं बल्कि भारत की सबसे खूबसूरत बहुमंजिला इमारतों में से एक है. 23 मंजिला यह इमारत एक ज़माने में एयर इंडिया का हेडक्वार्टर हुआ करती थी
Facebook Comments Box