दाऊद इब्राहिम के करीबी नवाब मलिक को बॉम्बे हाई कोर्ट से नहीं मिली जमानत,

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती दिए जाने और मामले में राहत संबंधी याचिका ने बहस के लायक कुछ मुद्दे उठाये हैं और अदालत को कोई भी अंतिम आदेश पारित करने से पहले दोनों पक्षों की व्यापक जिरह सुनने की आवश्यकता है। बाद में मलिक के कार्यालय ने ट्विटर पोस्ट में उन्हें राष्ट्रवादी बताते हुए कहा क‍ि हम न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering Case) मामले में अंतरिम राहत न दिए जाने के बाद उनके कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि उसे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। सत्य और न्याय की जीत होगी। प्रवर्तन निदेशालय ने इस वर्ष 23 फरवरी को मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत गिरफ्तार किया था। यह मामला कथित तौर पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के निकट सहयोगी के साथ मलिक के संपत्ति सौदे से संबंधित है। मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि गिरफ्तारी को चुनौती दिए जाने और मामले में राहत संबंधी याचिका ने बहस के लायक कुछ मुद्दे उठाये हैं और अदालत को कोई भी अंतिम आदेश पारित करने से पहले दोनों पक्षों की व्यापक जिरह सुनने की आवश्यकता है। बाद में मलिक के कार्यालय ने ट्विटर पोस्ट में उन्हें राष्ट्रवादी बताते हुए कहा क‍ि हम न्यायपालिका में विश्वास रखते हैं। सत्य और न्याय की जीत होगी। हिन्दी में किए गये ट्वीट में कहा गया है क‍ि निश्चित तौर पर बाधाएं हैं। लेकिन साहस अभी बाकी है।

मलिक मुसलमान हैं, इसीलिए दाऊद से नाम जोड़ा जा रहा’
कुछ दिन पहले एनसीपी प्रमुख ने कहा था, ‘मलिक की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है। उनका नाम दाऊद इब्राहिम से इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि वह मुसलमान हैं। मलिक और उनके परिवार के सदस्यों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, लेकिन हम इसके खिलाफ लड़ेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे याद नहीं आता कि नारायण राणे को हाल में गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा देना पड़ा हो। राणे के लिए अलग मानदंड और मलिक के लिए अलग मानदंड दिखाता है कि यह राजनीति से प्रेरित है।’

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