प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के के कुचक्र में फंसकर देश दम तोड़ रहा है. बाकी बीजेपी नेताओं का वो हाल है कि मोदी न निगलते बन रहा है और न ही उगलते. 2014 में झूठी बातों से केंद्र की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से ही मोदी और शाह का देश और राजनीति को निगल जाने का रिकॉर्ड तोड़ षड्यंत्र जारी है और इसमें ये बहुत हद तक सफल भी दिखाई दे दे हैं। पूरे भगवा दल पर ये दोनों षड्यंत्रकारी ऐसे कुंडली मार कर बैठे हैं कि बाकि नेता घुटन के मारे अपने राजनीतिक कैरियर की बलि दे दे रहे हैं क्योंकि विपक्ष में गए तो पुराने साथी, गोदी मीडिया, अंध भक्त, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, ईडी, सीबीआई, सीआईडी, इनकम टैक्स और न जाने कौन – कौन मिलकर इनकी चमड़ी उधेड़ लेगा।
लखनऊ में “मैं देश नहीं बिकने दूंगा” (21वीं सदी का सबसे बड़ा झूठ) की कविता पाठ कर दिल्ली में सत्ता पर कब्जा जमाए मोदीजी को 2014 से ही लगातार सरकारी कंपनियों को औने – पौने दाम में बेचने से फुर्सत नहीं मिल रही है, लाखों की संख्या में रेलवे, सेना, बैंक, स्वास्थ्य, शिक्षा और कई क्षेत्रों में सरकारी नौकरियों के पद खत्म कर दिए गए लेकिन हिंदी बेल्ट के लोगों का नशा है कि उतर ही नहीं रहा। दूसरी ओर मोबाइल पर बात करने से लेकर किचन में लगने वाला रिफाइंड तेल तक अंबानी और अडानी के ही सहारे आ रहा है, बहुत जल्द जब साफ हवा की सांस लेने के लिए भी अंबानी और अडानी ही सहारा होंगे शायद तब समझ आए लेकिन तब तक देश पूरी तरह उनके हवाले हो चुका होगा (केंद्र की सत्ता 2014 से ही इनकी कृपा पात्र है) एकबार पीएम मोदी ने सरकारी कंपनियों के बेचने के मुद्दे पर कहा कि देश को सरकारी बाबुओं ने दिया ही क्या है? ये मोदी की पूरे देश को चुनौती थी।
लेकिन मोदीजी से पूछा जाना चाहिए था कि फिर देश को सबसे पहला जवाब पॉवरफुल पीएमओ दे कि 2014 के बाद उसने आपकी बकवास झेलने के अलावा भी कुछ किया है? अधिकारी और कर्मचारी तो मुंह नहीं खोल सकते, आधे से ज्यादा जनता नशे में मस्त है लेकिन मजबूरी में ही यथार्थ बोलने वाले वरिष्ठ भाजपा नेताओं को दगाबाज घोषित कर दिया है, यशवंत सिन्हा (पूर्व बीजेपी नेता) और सुब्रह्मण्यम स्वामी से बेहतर इसे कौन समझ सकता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट नेता रहे सत्यपाल मलिक (वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल) का पीएम से मुलाकात को लेकर वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें किसान आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले लोगों के लिए मोदी ने पूछा क्या वो मेरे लिए मरे हैं? प्रधानमंत्री का इससे बड़ा शर्मनाक बयान और देश का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है? शुक्र है कि अभी उत्तर प्रदेश में चुनाव है इसलिए सत्यपाल मलिक पर तत्काल एक्शन नहीं लिया जा रहा है। वहीं यूपी चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी बीजेपी नेताओं से इतना मोदी-मोदी रटवाया जा रहा है कि उनकी अंतरात्मा कराह उठी है लेकिन वो ये दर्द भी नहीं बांट सकते।
आज सबसे बड़ा मजाक तो ये है कि एक झटके में जमे जमाए मुख्यमंत्री और पूरी राज्य सरकार का चेहरा पलटने और केंद्रीय मंत्रिमंडल में सबको दरकिनार करने वाले पिछली संप्रग सरकार को रिमोट कंट्रोल से चलाने का आरोप लगाते थे। बीजेपी के सोशल मीडिया पोस्ट को ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि वहां केंद्र की सरकार मोदी सरकार कही जाती है और अलग-अलग राज्यों की सरकार भाजपा सरकार। मतलब साफ है आज भगवा दल में दूसरी, तीसरी, पांचवीं कोई पंक्ति नहीं। यहां, वहां हर जगह हैं तो सिर्फ मोदी और अमित शाह। पीएम की पंजाब रैली का लोगों ने बॉयकॉट कर दिया, कुर्सियां खाली रह गईं (जिसका मोदी को थोड़ा भी अंदाज नहीं था) तो अब सुरक्षा का हवाला देकर पंजाब सरकार को निशाना बनाया जा रहा है। ये सचमुच बहुत खतरनाक स्थिति है।
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