Mumbai : मुंबई, 8 जुलाई — नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने CBI द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार की FIR को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने अभिनेता शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन खान को ड्रग्स केस से बचाने के लिए ₹25 करोड़ की रिश्वत मांगी थी।
CBI ने यह FIR 11 मई 2023 को दर्ज की थी। इसमें वानखेड़े के अलावा तीन अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया था। आरोपों के अनुसार, आर्यन खान को छोड़ने के लिए रिश्वत की मांग की गई थी, जो अंततः ₹18 करोड़ पर तय हुई, जिसमें ₹50 लाख की रकम एक मध्यस्थ के जरिए स्वीकार भी की गई।
⚖️ कोर्ट में वानखेड़े का पक्ष:
वानखेड़े के वकील ने अदालत को बताया कि FIR का आधार बनी NCB की विशेष जांच टीम (SET) की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण और अवैध है। यह रिपोर्ट तत्कालीन उपमहानिदेशक ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा तैयार की गई थी, जो खुद इस मामले में शिकायतकर्ता भी थे।
दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही SET की रिपोर्ट को कानूनी रूप से अमान्य ठहरा चुकी है और कहा है कि इसका उपयोग विभागीय या आपराधिक कार्रवाई में नहीं किया जा सकता।
🚨 CBI और ED की कार्रवाइयाँ:
CBI ने वानखेड़े की अंतरिम सुरक्षा को रद्द करने की मांग की है, लेकिन हाईकोर्ट ने फिलहाल गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इसी FIR के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी है और फरवरी 2024 में ECIR दर्ज किया।
🧾 आगे की सुनवाई:
अदालत ने वानखेड़े को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी है और याचिका पर अंतिम सुनवाई की अगली तारीख तय की जानी है।
अब अदालत को यह तय करना है कि FIR में दर्ज आरोप प्रथमदृष्टया भरोसेमंद हैं या नहीं, और क्या जांच एजेंसियों की कार्रवाई विधिसम्मत रही है।
🔍 विशेष टिप्पणी:
समीर वानखेड़े वही अधिकारी हैं, जिन्होंने 2021 में आर्यन खान को मुंबई क्रूज़ ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में NCB ने खुद आर्यन को क्लीन चिट दे दी थी।
इस केस ने राजनीतिक, प्रशासनिक और मीडिया हलकों में बड़ा तूफान खड़ा किया था, और अब कानूनी मोर्चे पर इसका नतीजा आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।
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