मोहान ग्रुप का करोड़ों का रियल एस्टेट घोटाला: जीतेंद्र लालचंदानी और तुषार लालचंदानी पर गंभीर आरोप!

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Mumbai : अंबरनाथ, महाराष्ट्र में एक बड़ा रियल एस्टेट घोटाला सामने आया है, जिसमें मोहान लाइफस्पेसेस एलएलपी और इसके कई हाउसिंग प्रोजेक्ट जैसे मोहान नैनो एस्टेट्स, मोहन सबर्बिया और मोहन गैलरिया शामिल हैं। इस घोटाले में हजारों घर खरीदारों को ठगा गया है और यह रियल एस्टेट क्षेत्र में भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी को उजागर करता है।

प्रमुख खुलासे:

फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए: अंबरनाथ नगर परिषद के अधिकारियों ने बिना जरूरी जानकारी के फर्जी प्रारंभिक एवं अधिभोग प्रमाणपत्र (Commencement & Occupancy Certificates) जारी किए, जिससे अवैध इमारतों का निर्माण हुआ।

गैरकानूनी रजिस्ट्रेशन: महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने जाली दस्तावेजों के आधार पर 31 प्रोजेक्टों को मंजूरी दे दी, जिससे रियल एस्टेट नियमों की अनदेखी हुई।

पर्यावरण नियमों का उल्लंघन: इन बड़े टाउनशिप प्रोजेक्ट्स के लिए अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी (Environmental Clearance Certificate) नहीं ली गई, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ।

फर्जी हाउसिंग सोसाइटी: अंबरनाथ को-ऑपरेटिव हाउसिंग रजिस्ट्रार ने इन अवैध प्रोजेक्टों के लिए गैरकानूनी तरीके से हाउसिंग सोसाइटी का पंजीकरण किया, जिससे खरीदारों को भ्रमित किया गया।




कौन-कौन शामिल हैं?

डेवलपर्स: जीतेंद्र मोहनदास लालचंदानी, तुषार जीतेंद्र लालचंदानी और अन्य।

आर्किटेक्ट: थोराट मैथ्यू एंड एसोसिएट्स (सरंग थोराट)।

नगर परिषद के अधिकारी: प्रशांत रसाल, श्रीधर पाटणकर, देविदास पवार और भालचंद्र गोसावी।

बैंक: कई निजी और सरकारी बैंकों ने फर्जी मंजूरी के आधार पर होम लोन स्वीकृत किए, जिससे घर खरीदार अवैध प्रोजेक्ट में फंस गए।


कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

हालांकि कई एजेंसियों (जैसे कि क्राइम ब्रांच, ठाणे आर्थिक अपराध शाखा, और भारतीय रिजर्व बैंक के लोकपाल) को शिकायतें दी गई हैं, फिर भी कोई FIR दर्ज नहीं हुई और न ही बैंकों द्वारा दिए गए फर्जी लोन की जांच की गई है। महाराष्ट्र सरकार, MahaRERA और हाउसिंग विभाग अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सके हैं, जिससे हजारों घर खरीदार संकट में हैं।

अंबरनाथ हाउसिंग घोटाले में अधिकारी जिम्मेदार! जांच की मांग

IAS अधिकारी: प्रशांत रसाल, श्रीधर पाटणकर, देविदास पवार, भालचंद्र गोसावी
नगर नियोजक: विवेक गौतम, प्रकाश मुले, विद्यासागर चव्हाण
ठाणे EOW अधिकारी: धत्तत्रय बापकर, एस.एच. शिंदे.

इसमें किन-किन लोगों की भागीदारी है?


इन अधिकारियों ने मोहान नैनो एस्टेट्स के अवैध निर्माण में भूमिका निभाई, जिसमें पर्यावरणीय मंजूरी भी नहीं ली गई। ठोस सबूतों के बावजूद ठाणे EOW ने शिकायत खारिज कर दी।

महाराष्ट्र के रियल एस्टेट सेक्टर में फैले भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

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