महाराष्ट्र के वेस्टर्न रीजन पुणे में एक रहस्यमयी बीमारी ने सबको डरा रखा है. ये बीमारी पिछले एक सप्ताह से पुणेकर में फैली हुई है. इस रहस्यमयी बीमारी का नाम गुलियेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) यानी GBS बताया जा रहा है. पुणे में अब तक इस बीमारी से 70 से ज्यादा लोग अस्पताल हैं भर्ती हैं, जिसमे 15 से ज्यादा मरीजों को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख गया है.
इस गंभीर बीमारी को लेकर पुणे महानगर पालिका ने एडवायसरी जारी की है. मनपा कमिश्नर राजेन्द्र भोंसले ने पुणे के कमला नेहरू अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज मुफ्त में करवाने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने पुणे के किसी भी निजी अस्पताल में इलाज करवाने वाले मरीजों को 2 लाख तक सरकारी मेडिकल इंश्योरेंस देने का भी ऐलान किया है.
पुणे में इस बीमारी के कारण 70 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की खबर है, जिनमें से 12 से ज्यादा लोग वेंटिलेटर पर हैं. मामला गंभीर है क्योंकि मरीज पुणे के आसपास के हलकों से भी पुणे इलाज करवाने आ रहे हैं. संदेह जताया जा रहा है कि इसका संबंध कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी बैक्टीरिया से है, जो पानी या खाने के जरिए फैल सकता है.
इस संक्रमण के मुख्य लक्षणपैरों और हाथों में झुनझुनी या सुन्नता,मांसपेशियों में कमजोरी जो पैरों से शुरू होकर शरीर के ऊपरी हिस्सों तक पहुंचती है. चलने, बोलने, चबाने और सांस लेने में कठिनाई. गंभीर मामलों में सांस लेने के लिए वेंटिलेटर की आवश्यकता शामिल हैं.इस संक्रमण में अब तक जो कारगर इलाज सामने आया है, उनमें मरीज का प्लाज्मा फेरिसिस करवाना, इसमें ब्लड प्लाज्मा को बदला जाना, इम्यूनोग्लोबुलिन थेरेपी (IVIG), और फिजियोथेरेपी शामिल हैं.
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