सना अली ने लगाई ऊंची छलांग, पढ़ाई के लिए माता-पिता ने रख दिए थे गहने गिरवी,

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मध्यप्रदेश : पिता ने ड्राइवरी कर, लोन लिया, मां को गहने गिरवी रखना पड़े, रिश्तेदारों ने मारे ताने। लेकिन सना ने पढ़-लिखकर आसमान ही नहीं अंतरिक्ष तक ऊंची छलांग लगाई है। मुस्लिम परिवार की बेटी का सिलेक्शन इसरो (isro) में हुआ है।

मुस्लिम परिवार से होने के कारण कई रिश्तेदार कहते थे कि सना अली की शादी कर दो, क्या करोगे इतना पढ़ा-लिखाकर, बाद में किचन ही तो संभालना है। इन रिश्तेदारों की बात पर सना और उसके पिता हमेशा कहते थे कि अभी पढ़ना है और देश सेवा करना है। आज वैसा ही हो रहा है। विदिशा के निकासा मोहल्ले में रहने वाले साजिद अली की बेटी सना का चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सतीश धवन स्पेस सेंटर में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर हुआ है।

पढ़ने के लिए किया सभी ने संघर्ष

एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम समाज में जन्मी सना अली को अपनी पढ़ाई के लिए बेहद संघर्ष करना पड़ा। पिता साजिद अली विदिशा के एसएटीआई कॉलेज में ड्राइवर थे। बाद में वे लैब असिस्टेंट बने, लेकिन छोटी सी नौकरी होने के कारण उन्हें बेटी को पढ़ाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। बेटी के लिए लोन भी लिया और पढ़ाई पूरी कराई। इस दौरान कई बार ऐसा समय भी आया कि जब सना की मां को अपने गहने भी गिरवी रखना पड़े। लेकिन, पूरे परिवार ने बेटी की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आने दी। सना माता-पिता की मुश्किलों को देख ट्यूशन भी करने लगी और अपना छोटा-मोटा खर्च भी निकालने लगी। सुबह से रात तक सादगी पूर्ण जीवन में रही सना ने जुनून के साथ पढ़ाई की। सना कहती हैं कि माता-पिता की मेहनत को देखकर मुझे भी लगातार मेहनत करने की प्रेरणा मिलती गई। देश सेवा के इस जज्बे के कारण सना अली को धार्मिक कट्टरता का सामना भी करना पड़ा। लेकिन, इन्होंने देश सेवा को चुना।

विवाह के बाद हुआ चयन

पिछले साल ही सना अली का विवाह ग्वालियर के इंजीनियर अकरम के साथ हुआ। उसके पति और ससुराल का भी भरपूर सहयोग मिला। सना कहती है कि मुझे मायके और ससुराल के लोगों ने पढ़ाई में और नौकरी के लिए काफी सपोर्ट किया।

बेटियों को खूब पढ़ाएं

सना समाज के लोगों को भी संदेश देना चाहती है कि अपनी बेटियों को जितना हो सके पढ़ाएं और सपनों को उड़ान भरने दें। वह चाहें तो आसमान क्या अंतरिक्ष में भी अपनी उड़ान भर सकती हैं। बेटियां इस देश का नाम रोशन करेंगी तो कुल का नाम भी रोशन अपने आप ही हो जाएगा। इस देश के युवाओं के लिए सना कहती हैं कि असफलताओं से कभी घबराना नहीं, बार-बार असफल होने के बावजूद अपने लक्ष्य पर डंटे रहो। एक दिन जरूर कामयाबी आपके कदम चूमेगी।

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