Mumbai : नई दिल्ली, 8 जून — नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ₹9.20 करोड़ की अवैध संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है। यह कार्रवाई मादक पदार्थों की तस्करी से अर्जित अवैध धन से खरीदी गई अचल संपत्तियों के खिलाफ की गई है।
एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत की गई इस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में स्थित एक लग्ज़री अपार्टमेंट और कसना औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्टरी यूनिट को जब्त किया गया है। एनसीबी के अनुसार, इन संपत्तियों की खरीद में नार्कोटिक ड्रग्स के व्यापार से प्राप्त राशि का इस्तेमाल किया गया था।
एनसीबी की जांच में सामने आया है कि यह तस्करी सिंथेटिक ड्रग्स, विशेष रूप से एम्फ़ैटेमाइन, से जुड़ी थी। पिछले वर्ष अक्टूबर में एनसीबी और दिल्ली पुलिस की संयुक्त छापेमारी में नोएडा में एक ड्रग लैब का भंडाफोड़ किया गया था, जहाँ से 95.5 किलोग्राम एम्फ़ैटेमाइन जब्त की गई थी। इस मामले में एक व्यवसायी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें एक तिहाड़ जेल का कर्मचारी और एक मैक्सिकन नागरिक भी शामिल था।
एनसीबी को जांच के दौरान मैक्सिकन ड्रग कार्टेल “Cartel Jalisco Nueva Generación (CJNG)” से लिंक भी मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, ड्रग्स से कमाई गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से दुबई भेजा गया, और फिर हवाला नेटवर्क के जरिए भारत लाया गया।
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “यह कार्रवाई केवल ड्रग्स जब्ती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य ड्रग तस्करी के आर्थिक ढांचे को तोड़ना है।”
ब्यूरो ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उनके पास नशे से जुड़ी कोई भी जानकारी हो तो वे राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन (1933) पर संपर्क करें। कॉलर की जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।