साइबर ठगी को लेकर लोगों में बढ़ रही जागरूकता को देखते हुए ठगों ने भी अपना तरीका बदल लिया है। साइबर ठगों की ओर से अपनाए जा रहे नए तरीके ने पुलिस की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। यह बात ग्वालियर साइबर पुलिस के अध्ययन में सामने आई है। साइबर पुलिस को पता चला है कि लोगों द्वारा यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआइ सिस्टम का प्रयोग ही ऐसे मामलों में उनकी समस्या बढ़ा रहा है। पढ़ें यह रिपोर्ट और साबइर ठगों से रहें सावधान…
यूपीआइ से ठगी
दरअसल, ठग अब ई-वालेट के बजाय ई-अकाउंट (यूपीआइ) से ठगी की रकम ट्रांसफर कराते हैं। जब तक पुलिस बैंक की मदद से ई-अकाउंट की जानकारी जुटाती है तब तक पैसा ठगों की जेब तक पहुंच जाता है। उसे रोकना या वापस लाना मुश्किल होता है। इससे पहले साइबर सेल के पुलिसकर्मियों ने ‘स्टाप बैंकिंग फ्राड वाट्सएप ग्रप’ और वेबसाइट बनाकर पिछले वर्षों में तकरीबन 13 करोड़ रुपए ठगों की जेब में जाने से बचा लिए थे।