बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के दो अलग-अलग आंकड़ों पर उठे सवाल, RTI एक्टिविस्ट ने कहा छुपाया जा रहा आंकड़ा
मुंबई:
दौड़ती-भागती मुंबई बीमार है. यहां दिल की बीमारी से रोज 27 मरीजों की मौत हो रही है. यह हैरान करने वाली जानकारी सूचना का अधिकार (RTI) के जरिए मिली है. यह आंकड़ा बीएमसी का है. सवाल उठ रहा है कि कहीं आंकड़े छुपाए तो नहीं जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि बीएमसी द्वारा करीब एक महीने पहले जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक एक साल में 23,000 से ज्यादा मौतें दिल के मरीजों की हुई हैं. यानी एक दिन में 63 मौतें! युवा मरीजों की संख्या करीब 33 प्रतिशत बढ़ी है.
इमरान 25 साल के हैं. वे सीने में दर्द से ऐसे बेहाल हुए कि मुंबई के लायंस क्लब अस्पताल जाना पड़ा. उनकी एंजियोग्राफी हुई, अब बड़े ऑपरेशन की तैयारी है. वे पेशे से कारपेंटर हैं. वे कहते हैं सेहत ठीक थी, अचानक बिगड़ी, कारण समझ नहीं पा रहे.
इमरान ने कहा कि, ‘’बहुत दर्द हुआ अचानक, डॉक्टर के पास गया तो इस अस्पताल में भेजा. यहां आया तो एंजियोग्राफ़ी करवानी पड़ी. पता नहीं अचानक कैसे हुआ. डॉक्टर ने बोला कम मसाला तेल खाओ.”
मुंबई में हार्ट अटैक से हर दिन 27 मौतें हो रही हैं. यह बात जानेमाने आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी को बीएमसी से मिले आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आई है. इसके मुताबिक, 2022 में हार्ट अटैक से 9998 लोगों की जान गई. यानी हर दिन करीब 27 मौतें हार्ट अटैक से हुईं.
हालांकि, आरटीआई एक्टिविस्ट चेतन कोठारी दावा करते हैं कि आंकड़े छिपाए जा रहे हैं. वे कहते हैं कि, मुंबई शहर में हर साल करीब 25,000 मौतें सिर्फ़ हार्ट अटैक से हो रही हैं.
मेडिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि कोविड के बाद हार्ट अटैक के मरीज तेजी से बढ़े हैं. हर पांच में से एक हार्ट मरीज युवा है, यानी 40 से कम उम्र का. लायंस क्लब हॉस्पिटल के डॉ सुहास देसाई ने बताया, ‘’तीन सालों में काफी मरीज़ बढ़े. हर पांच में एक युवा हार्ट मरीज है. कोविड के बाद मरीज बढ़े. ब्लड क्लॉटिंग, खराब लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस से यह सब बढ़ा है. कोविड के बाद ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं.”