मुंबई : Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में बड़े राजनीतिक उलटफेरों की अटकलें लगती ही रहती हैं. इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के एक बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है.
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बालासाहेब देसाई की जीवनी पर आधारित पुस्तक ‘दौलत’ के विमोचन के मौके पर अपने भाषण में सत्ता-संघर्ष और अदालत के फैसले के बाद विधायकों के निलंबन के मुद्दे को लेकर संकेत दिया. इसके साथ ही राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैं जल्द ही एक क्रांतिकारी फैसला लूंगा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह अभी फैसला नहीं लेंगे, बल्कि योग्यता के आधार पर फैसला लेंगे.
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बालासाहेब देसाई की निर्णय लेने की क्षमता पर टिप्पणी करते हुए यह बयान दिया. नार्वेकर ने कहा- ”बालासाहेब देसाई की सामाजिक कार्यों की विरासत को शंभुराज देसाई आगे बढ़ा रहे हैं. बालासाहेब देसाई ने अपने काम से एक साम्राज्य का निर्माण किया. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे उनके काम के आधार पर एक पुस्तक का विमोचन करने के लिए बुलाया गया है,
बालासाहेब देसाई ने लिए बड़े फैसले’- राहुल नार्वेकर
बालासाहेब देसाई की जीवनी पर आधारित पुस्तक दौलत के विमोचन के मौके पर राहुल नार्वेकर ने कहा कि हमारी 14वीं विधानसभा में कई लोगों ने काम किया है, उनमें से एक बालासाहेब देसाई ने अपना काम हमेशा के लिए किया है. उन्होंने ईबीसी, शिक्षा विभाग में भी काफी काम किया, उन्होंने ईबीसी छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने का क्रांतिकारी फैसला लिया.
राहुल नार्वेकर का कहना है कि राजस्व विभाग की जिम्मेदारी निभाते हुए बालासाहेब देसाई ने कई बड़े फैसले लिए. मालोजीराज के बाद पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी बालासाहेब पर आई, उन्होंने गुणवत्तापूर्ण काम किया, घर के खाते की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली.
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने आगे कहा कि मेरे दृष्टिकोण से 1977-78 का कार्य बहुत महत्वपूर्ण था. सन 1977 में जब मेरा जन्म हुआ, तब बालासाहेब विधानसभा अध्यक्ष थे, उन्हीं की प्रेरणा से मैं उनकी तरह क्रांतिकारी फैसला लूंगा और निर्णय नहीं बताऊंगा.