नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान में लगभग 50 करोड़ रुपये मूल्य की 7 किलो कोकीन जब्त की गई है.
मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान में लगभग 50 करोड़ रुपये मूल्य की 7 किलो कोकीन जब्त की गई है. इस मामले में चार विदेशियों और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. एंटी ड्रग्स एजेंसी ने दिल्ली के तिलक नगर में विदेशियों द्वारा चलाए जा रहे ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया और एक महिला के पास से ट्रॉली बैग में छिपाकर 5 किलो कोकीन बरामद किया. एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि बैग को इथियोपिया के दो लोगों ने महिला को सौंप दिया गया था, जिन्हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया है.
एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा है कि हम एनसीबी के चरित्र को बदलना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि बड़े नेटवर्क और माफिया को पकड़ा जाए. अधिकारी ने कहा अभी हाल ही में एक बड़े ऑपरेशन में कोकीन के कार्टेल को बर्स्ट किया गया है. 5 किलो कोकीन दिल्ली में बरामद हुई है. जिसका लिंक मुंबई के एक होटल से मिला. यहां पर दो इथोपियान नागरिक को गिरफ्तार किया गया है. उसके बाद दो और इथोपियान और एक हिंदुस्तानी महिला पकड़ी गई थी. ये ट्रॉली में रख कर तस्करी करते थे. ये लोग विदेशों से माल लाकर यहां भारत में वितरित करता था. इसके लिए गरीब देशों के नागरिकों का इस्तेमाल किया जाता है. ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर LSD जैसे ड्रग्स की तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. ये ऑनलाइन कूरियर के जरिए डिलिवरी करते थे.
उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद देखने में आया है कि कुरियर बेस डिलिवरी बढ़ी है. इसके लिए हम कुरियर कंपनियों से बात कर रहे हैं.एनसीबी को एक डेटा बेस और तकनीकी आधारित बनाने की प्रक्रिया चल रही है. एनसीबी एनडीपीएस अपराधियों का एक डेटा बेस तैयार किया जा रहा है. जिसे निदान नाम दिया गया है. उसमे जेल में बंद सभी एनडीपीएस अपराधियों की पूरी जानकारी फीड होगी ताकि कोई अगर पकड़ा जाए तो तुरंत हमे उसका पूरा काला चिट्ठा मिल जाएगा.
अधिकारी ने कहा कि भारतीय समुद्र क्षेत्र का इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी के लिए हो रहा है. अफगानिस्तान और म्यांमार से जो भी ड्रग्स निकलता है वो जमीन के रास्ते कम समुद्र के रास्ते ज्यादा हो रहा है. भारत में आने वाली हीरोइन का 70 फीसदी हिस्सा समुद्र के रास्ते आ रही हैं.इसके लिए हम नेवी और कोस्ट गार्ड से संपर्क में हैं.