यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को कोर्ट ने सुनाई एक साल की सजा

0
76

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

कानपुर। लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान को एमसीएमएम- तीन आलोक यादव की अदालत ने आर्म्स एक्ट के मामले में एक साल के साधारण कारावास और 15 सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दायर किया और उन्हें जमानत मिल गई। राकेश पर 13 अगस्त 1991 को नौबस्ता चौराहे अवैध तरीके से राइफल लेकर घूमने का आरोप लगा था। मामले में नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। शनिवार को उन पर दोष सिद्ध हुआ था। उन पर अदालत से आर्डर की मूल कापी लेकर फरार होने के आरोप लगे थे। सोमवार को उन्होंने कोर्ट में सरेंडर किया और अदालत ने उन्हें सजा सुनाई।

13 अगस्त 1991 को नौबस्ता में नृपेंद्र सचान की हत्या हुई थी। मौके पर भीड़ लग गई थी। वहीं पर राकेश सचान को पुलिस ने पकड़ लिया था। उनके पास से एक रायफल मिली थी जो उनके रिश्तेदार की थी। राकेश पुलिस को लाइसेंस नहीं दिखा पाए थे। ऐसे में उनके विरुद्ध आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था। एसओ बृज मोहन उदेनिया ने उनके विरुद्ध मुकदमा किया था। राकेश को जेल भी जाना पड़ा था। शनिवार को राकेश सचान अदालत में पेश हुए थे। उन पर आरोप लगे थे कि उन्हें जब बताया गया कि उन्हें इस बात की भनक लगी की उन पर आरोप सिद्ध हो गया है और सजा हो जाएगी तो वे अदालत से फरार हो गए थे।

उनके वकील ने कोर्ट रीडर कामिनी से आर्डर की मूल कापी ली और सचान उस कापी को भी अपने साथ लेकर चले गए थे। इस मामले में उनके विरुद्ध कामिनी ने कोतवाली में तहरीर दी थी लेकिन मुकदमा नहीं हुआ। सोमवार को राकेश सचान ने 12.30 बजे अदालत में सरेंडर किया। उनके अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि 1991 में मुकदमा दर्ज हुआ था। राकेश सचान की पृष्टिभूमि सामाजिक और राजनैतिक है। उन पर लगे आरोप गलत हैं। उन्हें दोष मुक्त किया जाए।

अदालत ने उनकी दलील नहीं मानी। न्यायालय ने उन्हें एक साल के कारावास और 15 सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि जमा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा का आदेश दिया। राकेश के अधिवक्ता ने उनकी जमानत का प्रार्थना पत्र दिया जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए जमानत दे दी। मंत्री ने 20 हजार रुपये का निजी मुचलका जमा किया। इसके साथ ही 20-20 हजार रुपये की दो और जमानत लगाई गई।

Facebook Comments Box