जब राहत देना था, तब आहत कर रहे हैं”- GST के नए रेट को लेकर वरुण गांधी का ट्वीट, विपक्ष भी भड़का

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देशभर में सोमवार, 18 जुलाई, 2022 से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) की दरों में संशोधन लागू किया गया है. आज से कई नई चीजें जीएसटी के दायरे में आ गई हैं. वहीं, कई सेवाओं और वस्तुओं पर मौजूदा दरों को बढ़ा दिया गया है. जीएसटी परिषद के सुझावों को लागू करने के बाद आज से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गई हैं. इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं, जिन पर पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा. 

इसके अलावा, 5,000 रुपये से अधिक किराये वाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा. वहीं, 1,000 रुपये प्रतिदिन से कम किराये वाले होटल के कमरों पर 12 प्रतिशत की दर से कर लगाने की बात कही गयी है. अभी इसपर कोई टैक्स नहीं लगता है.

कई विपक्षी नेताओं ने इसका विरोध किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज खाने पीने की चीजों पर आज से लगे GST पर कहा कि “मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि खाने-पीने की चीजों पर जो GST लगाया है उसको तुरंत हटाया जाए. आम जनता पहले ही महंगाई से बहुत परेशान है.”

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जो लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पानी, बिजली, यात्रा और अन्य बुनियादी जरूरतें मुहैया करा उन्हें महंगाई से राहत दे रहा है.

बीजेपी के सांसद वरुण गांधी ने भी अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि जनता को जब ‘‘राहत” देने का समय है तब उन्हें ‘‘आहत” किया जा रहा है. गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर जीएसटी लागू है. रिकॉर्ड तोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यम वर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा.” उन्होंने कहा, ‘‘जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं.”

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अनाज से लेकर दालों और दही से लेकर लस्सी तक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले सवालों पर स्पष्टीकरण जारी किया है. इसमें कहा गया, ‘‘जीएसटी उन उत्पादों पर लगेगा जिनकी आपूर्ति पैकेटबंद सामग्री के रूप में की जा रही है. हालांकि, इन पैकेटबंद सामान का वजन 25 किलोग्राम से कम होना चाहिए.” दही और लस्सी जैसे पदार्थों के लिए यह सीमा 25 लीटर है. 

मंत्रालय ने कहा, ‘‘18 जुलाई, 2022 से प्रावधान में लागू हो गया है और पहले से पैक तथा लेबल वाले उत्पादों की आपूर्ति पर जीएसटी लगेगा.”

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