डायरी में मातोश्री के आगे 2 करोड़ का कैश पेमेंट, IT का डंडा चला तो Yashwant Jadhav बोला – इसका मतलब मेरी मां से है

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(Yashwant Jadhav) : बीएमसी के स्थायी समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव के खिलाफ ( it dept )आय कर विभाग जांच कर रहा है। छापे में इनकम टैक्स को एक डायरी मिली, जिसमें मातोश्री को दो करोड़ रुपये और 50 लाख की घड़ी देने की बात लिखी है।

(Yashwant Jadhav) के पास आयकर विभाग को एक डायरी मिली। उन्होंने एक आवासीय भवन में किरायेदारी से मालिकाना हक हासिल करने के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उस डायरी में मातोश्री (Matoshree) को 50 लाख की घड़ी और 2 करोड़ रुपये देने की बात भी लिखी थी। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का बांद्रा स्थित घर का नाम मातोश्री है लेकिन यशवंत ने कहा कि मातोश्री से मतलब उनकी अपनी मां से है।

I-T विभाग कोलकाता की शेल कंपनी को 15 करोड़ रुपये के पुनर्भुगतान की भी जांच कर रहा है, जिसे उसके सहयोगी बिमल अग्रवाल की कंपनी को वापस भेज दिया गया था। विभागीय सूत्रों ने कहा कि इन रुपयों का इस्तेमाल जाधव ने एक होटल और एक घर खरीदने के लिए किया, जिस घर में वह पहले किरायेदार था।

50 लाख की घड़ियां दीं दान ये सभी लेन-देन 2018 और 2022 के बीच हुए। जाधव ने आय कर अधिकारियों को बताया कि ‘मातोश्री’ का मतलब उनकी मां है। उन्हें दान में 2 करोड़ रुपये मिले। इन रुपयों का प्रयोग उन्होंने महाराष्ट्रीयन नव वर्ष गुड़ी पड़वा के दिन गिफ्ट बांटने में किए। डायरी में एक और नोटिंग मातोश्री को 50 लाख रुपये की घड़ी देने की बात थी। जाधव ने आई-टी को बताया कि उसने अपनी मां के नाम पर लोगों के बीच घड़ियां बांटी हैं। हालांकि विभाग दोनों जवाबों से संतुष्ट नहीं है।

हवाला के जरिए कैश का हुआ लेनदेन
जांच में पाया गया कि जाधव ने अग्रवाल की कंपनी न्यूजहॉक मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड की मदद से बिलकदादी चैंबर्स में 31 फ्लैटों के किरायेदारी अधिकार हासिल करने के लिए रुपये खर्च किए। इस एग्रीमेंट में रुपयों का उल्लेख नहीं है। सूत्रों ने कहा कि जाधव ने उन सभी को नकद में भुगतान किया। अमेरिका और कनाडा में दो किरायेदारों के मामले में रकम हवाला के जरिए ट्रांसफर की गई। जाधव ने ज़मींदार से बिलकादी चैंबर्स का स्वामित्व खरीदने के लिए 4 करोड़ रुपये का भुगतान किया।

2018 में तिहाड़ जेल से आया बाहर
बिमल अग्रवाल को कुछ साल पहले सीबीआई ने और फिर ईडी ने गिरफ्तार किया था। अग्रवाल 2018 में तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर आए और जाधव के साथ काम करने लगे। सूत्रों ने कहा कि अग्रवाल को जाधव की मदद से महामारी के दौरान 30 करोड़ रुपये के बीएमसी के अलग-अलग ठेके मिले।

ठेकेदार को जाधव ने दी थी धमकी
आई-टी सूत्रों ने कहा कि बीएमसी ने बोली के जरिए ठेके आवंटित किए और यशवंत जाधव भायखला इलाके में किसी और को काम के लिए बोली लगाने की इजाजत नहीं दे रहे थे, जहां से उनकी पत्नी यामिनी जाधव विधायक हैं। उन्होंने क्षेत्र में बीएमसी से ठेका लेने वाले ठेकेदारों में से एक सूरज सिंह देवड़ा को भी धमकी दी, ताकि अग्रवाल को काम मिल सके। जाधव की देवड़ा को धमकी देने वाला एक ऑडियो क्लिप 2020 में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

पिछले 25 सालों से शिवसेना की महानगरपालिका में सत्ता है। हाल ही में राज्य में सरकार बनाने वाली पार्टी के लिए बीएमसी संसाधन का प्रमुख स्रोत माना जाता है। ऐसे में, इस छापेमारी का असर आगामी चुनावों पर पड़ना स्वाभाविक है। पिछले चार सालों में केवल कैपिटल एक्सपेंडिचर यानी नए प्रॉजेक्ट के लिए 40000 करोड़ रुपये बीएमसी की इसी स्थायी समिति के माध्यम से मंजूर हुए हैं।

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