बीजेपी के जितने से हमें कोई हैरानी नहीं हुई मगर और खुशी हुई की लोगों को गुलामी करने का और समय मिल गया।

0
22

हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े

बीजेपी से सभी को परेशानी है चाहे वो किसान हो, छात्र हो, डॉक्टर हो, व्यापारी हो, सरकारी कर्मचारी हो, सरकारी बैंक के कर्मचारी हो, तभी ये सभी लोग समय समय पर आंदोलन कर के अपना गुस्सा सरकार पर निकालते है मगर कुछ नहीं होता है समय पर मगर फिर भी इन लोगों ने चार राज्यों में वोट दे कर बीजेपी को जिताया इससे ये साबित होता है की ये लोग गुलाम बन चुके है और गुलाम को सिर्फ गुलामी करने से मतलब होता है।
चंद उदाहरण देना चाहूंगा गुलामी का
1) पेट्रोल और डीजल 500 रुपया प्रति लीटर हो जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
2) गैस सिलिंडर का दाम 2000 रुपया हो जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
3) कोई भी परीक्षा का नियुक्ति 8 साल में हो मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जैसे BIHAR SSC 2014
4) कोई भी परीक्षा को कराने में 4 साल लगे और नियुक्ति 10 साल में हो मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
5) किसी भी परीक्षा का प्रश्न पत्र 100 बार लीक हो जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है। जैसे – UPTET
6) गंगा में लाशें तैरती हुई मिली मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
7) किसानों को ट्रैक्टर से कुचला जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
8) छात्रों को हॉस्टल में घुस कर मारा जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
9) सारे लोग ज़ी टीवी के सामने पकौड़े बेचें मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
10) महंगाई चरम सिमा पर चली जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
11) सारी सरकारी कंपनिया और बैंक प्राइवेट हो जाये मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
12) UPSC के उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका न मिले मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
13) हाथरस की बेटी के साथ बहुत बर्बरता हुई मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
14) विद्या के मंदिर में भी हिन्दू मुस्लिम हो मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।
15) पढ़ाई, कमाई और दवाई पर राजनीती में चर्चा न हो मगर कोई बात नहीं क्यों की गुलाम को कोई फर्क नहीं पड़ता है।

Facebook Comments Box