उत्तर प्रदेश की योगी सरकार युवाओं को रोजगार देने के भले ही लाख दावा करें, लेकिन जमीनी हकीकत यही हैं कि प्रदेश के युवाओं के साथ योगी सरकार ने विश्वासघात किया हैं। वरना आज युवा सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध ना करता, किसी शानदार कमरे में बैठकर अपनी नौकरी करता रहता।
सरकार तो राज्य में बेरोजगारी की स्थिति को मानने को तक तैयार नहीं है। योगी सरकार में लघु, छोटे व मध्यम उद्यमों के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह कहते हैं, *जैसा आरोप लगाया जाता है, उसके उलट अभी बेरोजगारी का कोई संकट नहीं है। हमने लोगों को 2.64 करोड़ रोज़गार उपलब्ध करवाए।
लेकिन इस दावे के समर्थन के लिए कोई आंकड़े नहीं हैं। 2018 में उत्तर प्रदेश में एक चपरासी की नौकरी के लिए 93,000 लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 3,700 लोग पीएचडी धारक थे।
पिछले पांच सालों में परीक्षार्थी अलग-अलग परीक्षाओं में होने वाली अनियमितताओं के विरोध में प्रदर्शन करते रहे हैं। दिसंबर 2021 में शिक्षक बनने की आस लगाए बैठे परीक्षार्थियों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने यूपी टीईटी परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाया था।
अब प्रदेश की युवा योगी के झूठे वादें में नहीं आना वाला, प्रदेश का युवा अब बदलाव चाहता हैं, और अपनी वोट की चोट से इस बार भाजपा को यूपी की सत्ता से बाहर उखाड़ फेंकने का काम करेगा।
भाजपा भगाओ, देश बचाओ
उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवा अपने वोट की चोट से योगी सरकार पर करेंगे प्रहार
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