बहुत समय बाद हिम्मत करके न्यूज़ 24 पर मोदी जी का इंटरव्यू सुनने बैठा कोई व्यक्ति हर लाइन में झूठ कैसे बोल सकता है वो इसकी जीती जागती मिसाल हैं.
अगर वो कहें कि हमारी सरकार को सिर्फ़ काम पर वोट मिलते हैं, अगर वो कहें कि हमारे यहाँ व्यक्ति कुछ नहीं बस सामूहिकता है, अगर वो कहें कि मोदी तो महज कार्यकर्ता है इसीलिए उसी की तस्वीर हर होर्डिंग पर लगी होती है, अगर वो कहें कि हमारी बस एक ही ख़ासियत है अच्छी नीयत, अगर वो कहें कि हम बस एक ही बात सोचते हैं कि कैसे देश की।विविधता बनी रहे और उसमे सामाजिक न्याय सर्वोपरि है, अगर वो कहें कि मैं दुनिया के आगे महज सच्चाई लेकर जाता हूँ, अगर वो कहें कि हर जीत के बाद हम और ज़्यादा ज़मीन से जुड़ जाते हैं, अगर वो कहें कि हमारी सरकार की नीतियाँ महज जनता और गरीब के लिये काम करने की हैं तो समझ लीजिए कि सच्चाई बिल्कुल विपरीत है.
बल्कि ये कहूंगा कि इस वक़्त सच का सबसे बड़ा लिटमस टैस्ट ही यही है कि जो मोदी बोल रहे हैं उसका उलट ही खरा सच है तो अतिश्योक्ति नही होगी.
बिना किसी शिकन, पूर्ण शांति और आत्मविश्वास के साथ झूठ बोलने की कला में दक्षता को मोदी जी ने वो ऊँचाइयाँ दी हैं कि भविष्य में काइयाँ से काइयाँ घाघ नेता भी उसे आसानी से छू नही पाएगा.
इतिहास में सत्यवादी हरीशचंद्र सौ टका सच बोलेने के लिये अमर हो गए, बिना किसी मिलावट सौ फी सदी महज झूठ बोलने के लिये मोदी जी का नाम इतिहास में अमर होगा. सबसे बड़े असत्यवादी को नरेंद्र मोदी की उपाधि दी जाएगी. वो इतिहास पुरुष हैं इसमे कोई संदेह ही नहीं.
Facebook Comments Box