भारतीय दंड संहिता की धारा 140 और 171 के तहत फौजी ड्रेस सिर्फ फौज के लोग पहन सकते है दूसरा कोई नही पहन सकता, यदि पहनता है तो ये क्राइम है धारा 140 व 171 आईपीसी के तहत।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है, प्रधानमंत्री का यह ड्रेस पहनना क्या सिर्फ राजा बाबू स्टाइल में फैंसी ड्रेस शो है या वाकई उनकी मंशा डिक्टेटर बनने की है !!
इस विषय मे आर्मी चीफ व राष्ट्रपति को एक ट्वीट किया है, लेकिन यह विषय सुप्रीम कोर्ट में उठाने योग्य है, और सबसे अधिक जिम्मेदारी आर्मी के बड़े जनरलों की है जो सख्त एतराज जताए और आर्मी ड्रेस न पहनने दें।
हालांकि विवेकानंद फाउंडेशन के तहत देश की सशस्त्र सेनाएं पहले से ही इन खाकी चड्डियों के गिरोह का हिस्सा बन चुकी है।
पूरे कुंए में भांग घुल चुकी है, लोकतंत्र के सभी स्तंभ ढहाए जा चुके हैं।
नवनीत_चतुर्वेदी
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