महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले लिए गए इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं.

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Mumbai : महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के मदरसों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी का फैसला लिया है.

इसके तहत डीएड शिक्षकों को 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 16 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाएगा, जबकि माध्यमिक स्तर पर बीएड और बीएससी-बीएड योग्यता वाले शिक्षकों को भी 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 18 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा.

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शिंदे कैबिनेट की बैठक में  गुरुवार को सरकार ने मदरसा शिक्षकों के वेतन और मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम के फंड को 700 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, अभी मदरसा टीचर्स को 6 हजार रुपए सैलरी मिल रही है, जिसे बढ़ाकर 16 हजार रुपए कर दिया जाएगा.

इसके अलावा, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल न फैसला किया कि वह केंद्र सरकार से गैर-क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा मौजूदा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का अनुरोध करेगा,अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आरक्षण का लाभ हासिल करने के लिए गैर-क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र की जरूरत होती है, यह प्रमाणपत्र प्रमाणित करता है कि उक्त व्यक्ति की पारिवारिक आय निर्धारित सीमा से कम है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक मसौदा अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई, बयान के अनुसार, यह अध्यादेश विधानमंडल के अगले सत्र में पेश किया जाएगा, इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग के लिए 27 पद स्वीकृत किए गए हैं.

महाराष्ट्र में 351 ओबीसी समुदाय राज्य की आबादी का 52% हिस्सा हैं, इनमें से 291 समुदाय ऐसे हैं जो केंद्रीय ओबीसी सूची के अंतर्गत आते हैं.
महाराष्ट्र सरकार नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अपने ओबीसी वोट बैंक को मजबूत करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है.

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